नई दिल्ली। कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सीबीआई को बताया है कि हिंडाल्को को तालाबीरा 2 कोल ब्लाक के आवंटन में न तो उन्होंने किसी को “प्रभावित” करने का प्रयास किया और न ही इसमें “बेवजह कोई जल्दबाजी” की गई। मनमोहन सिंह ने मामले की जांच कर रही सीबीआई को यह भी बताया कि उन्होंने ओडिशा में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को को कोल ब्लाक आवंटित करने के बारे में बिड़ला को न तो किसी प्रकार का वादा किया था और न ही कोई आश्वासन दिया था।

वर्ष 2005 में कोयला मंत्रालय का अतिरिक्त पदभार देखने वाले मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में बिड़ला और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के पत्रों को सावधानीपूर्वक पड़ताल के लिए केवल मंत्रालय को भेजा था। उन्होंने कहा कि मैं कहता हूं कि मुझे याद नहीं कि मेरे पीएस के नोटिंग के अलावा किसी को स्मरणपत्र जारी करने के लिए कहा हो। यह एक सामान्य प्रशासनिक मामला है। पीएमओ इस तरह के मुद्दों में नहीं पड़ता। मैंने पहले ही कहा था कि मैंने किसी को प्रभावित करने की कोशिश नहीं की और फैसला लेने में कोई अनावश्यक जल्दबाजी नहीं की गई।

बिड़ला ने कोल ब्लाक के लिए हिंडाल्को पर विचार नहीं करने के फैसले को बदलने के लिए सरकार से अपील करते हुए पत्र लिखे थे तो वहीं पटनायक ने फैसले की समीक्षा की अपील की थी। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा बतौर आरोपी तलब किए गए मनमोहन सिंह ने एक बयान में बताया था कि हिंडाल्को को समायोजित करने की मंत्रालय की सिफारिश को उन्होंने मंजूरी दी थी।