नई दिल्ली: दादरी में कथित तौर पर गौमांस खाने पर भीड़ के द्वारा पीट-पीट कर मार डाले गए 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत को केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने दुर्घटना करार दिया है और कहा है कि इसे कोई सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। वहीं पीड़ित का परिवार गांव छोड़ने की योजना बना रहा है क्योंकि उसे डर है कि ऐसा दोबारा हो सकता है।

पर्यटन राज्य मंत्री और नोएडा से भाजपा के सांसद महेश शर्मा ने कहा, इस घटना को एक दुर्घटना माना जाना चाहिए और इसे कोई सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, दो अन्य परिवार इस प्रभावित परिवार के साथ गांव के बीच में रहते हैं और इनकी दीवारें दूसरों से सटी हैं। गांव के बाहरी हिस्से में दूसरे समुदाय के 10-12 मकान हैं लेकिन उनसे जुड़ी कोई घटना नहीं हुई है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह घटना किसी गलतफहमी के चलते हुई और कानून को इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए।

भीड़ द्वारा बुरी तरह पीटे जाने के बाद अखलाक नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी और उसके 22 वर्षीय बेटे दानिश को गंभीर चोटें आई थीं। यह घटना उस समय हुई, जब परिवार द्वारा गौमांस खाए जाने की अफवाहें फैलने के बाद लोगों की भीड़ सोमवार रात को जबरन इनके घर में घुस आई थी।

अखलाक का दूसरा बेटा सरताज भारतीय वायु सेना में तैनात है। उसने अपने पिता के हत्यारों के लिए सजा की मांग की है। उन्होंने कहा, जिन्होंने मेरे पिता की हत्या की है, उन्हें गिरफ्तार किया जाए। मैं जानना चाहता हूं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। उन्हें सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में गांव का कोई व्यक्ति दोबारा ऐसा करने की हिम्मत न जुटा पाए।

अपने परिवार के बाकी सदस्यों की जिंदगी पर मंडराने वाले खतरे का डर जाहिर करते हुए सरताज ने कहा कि वह गांव छोड़ने की योजना बना रहे हैं क्योंकि यह घटना दोहराई जा सकती है। उन्होंने कहा, हमारी जिंदगियां खतरे में हैं। मैं यह स्थान छोड़ने की योजना बना रहा हूं। हम यहां से चले जाएंगे क्योंकि ऐसा कभी भी दोबारा हो सकता है। हमें यह आश्वासन कौन देगा कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।

सरताज ने किसी भी प्रकार के तनाव की जानकारी होने से इंकार करते हुए कहा कि उसने लगभग एक घंटे पहले अपने बीमार पिता से बात की थी और सबकुछ ठीकठाक था। सरताज ने कहा, जहां तक मुझे पता है, कोई तनाव नहीं था। सबकुछ सामान्य था। मैंने घटना के एक घंटे पहले अपने पिता से बात की थी और उनका हालचाल पूछा था। उन्हें टायफाइड था और उनका रक्तचाप सामान्य से कम था। बाकी सबकुछ उस समय तक ठीक था। घटना के 25 मिनट बाद मुझे पता चला कि मेरे पिता की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। उन्हें घर से बाहर घसीटकर निकाला गया। निश्चित तौर पर पड़ोसी भी इसमें शामिल थे।

इस घटना की राजनीतिक दलों ने भारी निंदा की है। मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश जारी किए गए हैं। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मतक के परिवार के लिए 10 लाख रूपए के मुआवजे की घोषणा की है।