उत्तर प्रदेश को मिला मोस्ट कम्पटीटिव स्टेट अवार्ड

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश को देश के सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी राज्यों की श्रेणी में शामिल करते हुए संचार ह्यूमन कैपैसिटी, फैक्टर कंडीशन के लिए दिए जाने वाले इस पुरस्कार से उत्तर प्रदेश  की जनता एवं प्रदेश सरकार का सम्मान निश्चित ही बढ़ा है। उत्तर प्रदेश जहां आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है वहीं देश की कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियों में प्रदेश का सबसे ज्यादा योगदान है। गेहूं, दूध, आलू, गन्ना, चीनी आदि का सबसे ज्यादा उत्पादन उत्तर प्रदेश  में ही होता है।

मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में सरकार की ओर से प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल ने आज होटल ताज पैलेस में आयोजित मोस्ट कम्पटीटिव स्टेट अवार्ड,2015 के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश  को कम्यूनिकेशनं, ह्यूमन कैपेसिटी, फैक्टर कंडीशन के लिए दिए जाने वाले पुरस्कार को ग्रहण करने के बाद अपने सम्बोधन में यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि देश के सबसे अधिक आबादी वाले इस राज्य में नौजवानों की जनसंख्या सर्वाधिक है और यह भी सच्चाई है कि उत्तर प्रदेश  की अर्थ-व्यवस्था बुनियादी तौर पर खेती पर निर्भर करती है। ऐसे में राज्य में किसानों की उपेक्षा बिल्कुल नहीं की जा सकती है। इस बात को वर्तमान प्रदेश  सरकार अच्छी तरह से समझती है क्योंकि गाॅव गरीब और किसान शुरू से ही समाजवादियों की प्राथमिकताओं में शामिल रहे हैं। प्रदेश  सरकार राज्य में बुनियादी सुविधाओं के विकास और समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के कल्याण पर पूरा ध्यान दे रही है।

उन्होने कहा कि आज प्रतिस्पर्धा का युग है। यह प्रतिस्पर्धा लोगों के बीच ही नहीं बल्कि विश्व  स्तर पर तमाम देशों  के बीच भी हो रही है। इसलिए ग्लोबलाइजेशन के इस परिवेश में वही अपनी जगह पर टिक पायेगा जो हर तरह से प्रतिभाशाली और सक्षम होगा। इसीलिए प्रदेश सरकार ने राज्य को एक अग्रणी राज्य में तब्दील करने का कार्य पहले ही शुरू कर दिया था। राज्य के नौजवानों को डिजिटल तकनीक से जोड़ने और उद्योगों की जरूरतों के मुताबिक प्रषिक्षण देने का काम भी तेजी से शुरू कर दिया था जिसके परिणाम अब दिखायी दे रहे हैं।