पटना : राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आरक्षण के मुद्दे पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर मंगलवार को हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उन्हें भारत रत्न देने की मांग की है। लालू यादव ने तीखा हमला करते हुए कहा कि पीएम मोदी को आरक्षण खत्म करने के लिए भागवत को भारत रत्न देना चाहिए।

लालू यादव ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्वीटर पर लिखा कि मोदी आरक्षण खत्म करने के लिए भागवत को ‘भारत रत्न’ दें लेकिन पिछड़ों, दलितों, गरीबों की लड़ाई के लिए चाहे मुझे ये लोग फांसी दें, चुप नहीं बैठूंगा। उन्होंने इसके तुरंत बाद फिर ट्वीट किया कि मोदी संयुक्त राष्ट्र संघ जाकर मेरे खिलाफ अर्जी दें, लेकिन मैं गरीबों की लड़ाई लड़ते-लड़ते, आरक्षण बढ़वा कर, जातीय जनगणना के आंकड़े प्रकाशित करवाकर ही दम लूंगा।

इससे पहले, लालू ने ट्विटर पर लिखा था कि आरएसएस जातिवादी ही नहीं, बल्किहिंदू विरोधी संगठन है। उन्होंने कहा था कि अगर ये हिंदुओं के सच्चे हितैषी होते तो 90 प्रतिशत पिछड़े, दलित, वंचित, गरीब, उत्पीड़ित हिंदुओं के संविधान प्रदत्त आरक्षण के अधिकार को समाप्त करने की बात नहीं करते।

मालूम  हो कि मोहन भागवत ने बीते दिनों कहा था कि आरक्षण की मौजूदा नीति पर पुनर्विचार होना चाहिए। भागवत के इस बयान के बाद राजनीति सरगर्म हो गई। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लालू यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे मुद्दा बनाकर वोट हासिल करने के जुगत में हैं।भी रांची में एक मंदिर के बाहर मीट के टुकड़े मिले थे। इसके बाद माहौल इतना अधिक खराब हो गया था कि लोगों ने आगजनी कर दी थी और काफी तोड़-फोड़ हुई। इसके बाद बीते 48 घंटों में लोहदरगा, पलामू और छतरा जिलों में इसी तरह की घटनाएं हुईं। पुलिस को माहौल में शांति कायम रखने के लिए शनिवार को बंद रखना पड़ा। सीएम रघुवरदास को खुद सड़कों पर उतर कर लोगों से अमन की अपील करनी पड़ी थी।

राज्य के पुलिस प्रवक्ता और एडीजी (ऑपरेशंस) एस.एन. प्रधान ने कहा, \’हम सभी घटनाओं पर पैनी नजर रख रहे हैं। फिलहाल, हम इस बात से इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि इन घटनाओं का बिहार में होने जा रहे चुनाव से कोई कनेक्शन नहीं है।Ó रांची में रविवार को भी हालात तनावपूर्ण बने रहे लेकिन यहां कोई हिंसक घटना नहीं हुई।