मुंबई: आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और कर्ज लेने वालों को बड़ी राहत देते हुए रिजर्व बैंक ने आज मुख्य नीतिगत दर 0.50 प्रतिशत घटा दी। इसके साथ ही बैंक ने आवास ऋण लेने वालों के लिए मानदंडों में ढील भी दी है। रिजर्व बैंक ने आज जारी मौद्रिक नीति समीक्षा में तुरंत प्रभाव से मुख्य नीतिगत दर को 0.50 प्रतिशत घटाकर 6.75 प्रतिशत कर दिया। इससे पहले जून में इसे चौथाई फीसद घटाकर 7.25 प्रतिशत किया गया था।

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान में भी फिर एक बार संशोधन किया है। इसे 7.6 प्रतिशत से घटाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि खुदरा मुद्रास्फीति के बारे में कहा कि यह जनवरी 2016 में 5.8 प्रतिशत रहेगी।

रिजर्व बैंक ने बैंकों के नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कोई बदलाव नहीं किया और इसे चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। सीआरआर वह अनुपात होता है जिसे बैंकों को अनिवार्य तौर पर केंद्रीय बैंक के पास जमा रखना होता है। रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख नीतिगत दर में की गई 0.50 प्रतिशत कटौती के मुताबिक अब रिवर्स रेपो दर घटकर 5.75 प्रतिशत, सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 7.75 प्रतिशत पर समायोजित होगी।

रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कहा ‘मौद्रिक नीति में अगला समयोजन हालिया मुद्रास्फीतिक दबाव पर नियंत्रण, मानसून का पूरा परिणाम, फेडरल रिजर्व की संभावित पहल और केंद्रीय बैंक द्वारा वर्ष के शुरू में की गई नीतिगत दर कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को दिए जाने पर निर्भर करेगा।’’ उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मुद्रास्फीति सितंबर से कुछ महीनों के लिए बढ़ सकती है क्योंकि अब तक अनुकूल रहा आधार प्रभाव अब उलट सकता है।

राजन ने कहा ‘यदि बुवाई के रकबे में हुई वृद्धि बेहतर खाद्यान्न उत्पादन के रूप में सामने आती है तो खाद्य मुद्रास्फीति का परिदृश्य सुधर सकता है। न्यूनतम मूल्य समर्थन में हल्की बढ़ोतरी से अनाज संबंधी मुद्रास्फीति कम रह सकती है जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य पदार्थ की कमजोर मूल्य स्थिति से चीनी, खाद्य तेल और कुल मिलकार खाद्य मुद्रास्फीति पर नरमी का दबाव बना रह सकता है।’ उन्होंने कहा कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए मुद्रास्फीति के जनवरी 2016 में 5.8 प्रतिशत पर पहुंच जाने की उम्मीद है। यह अगस्त में लगाये गये अनुमान से थोड़ा कम है।

आवास क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए रिजर्व बैंक ने सस्ते आवासों के लिए जोखिम प्रावधान कम किया है जबकि व्यक्तिगत आवास ऋण के मामले में जमानत की व्यवस्था को और दुरुस्त किया है। आरबीआई ने कहा कि फिलहाल व्यक्तिगत आवास +ण पर न्यूनतम जोखिम भार 50 प्रतिशत है।