न्‍यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत अमेरिकी सामरिक साझेदारी को ‘और बेहतर’ बनाने का आज निर्णय किया और सुरक्षा, आतंकवाद एवं कट्टरवाद से निपटने, रक्षा, आर्थिक साझेदारी तथा जलवायु परिवर्तन पर सहयोग को और गति देने पर सहमति व्यक्त की।

प्रधानमंत्री मोदी ने नियत समयसीमा के भीतर संयुक्त राष्ट्र में सुधार प्रक्रिया को पूरा करने में अमेरिका का समर्थन मांगते हुए सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किए जाने पर वहां के राष्ट्रपति बराक ओबामा का धन्यवाद किया।

विश्व के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के दोनों नेताओं के बीच सोमवार को करीब एक घंटे तक चली बातचीत के बाद ओबामा ने कहा, ‘‘हमने हमारे सामरिक दृष्टि को और आगे बेहतर बनाने के बारे में चर्चा की।’’ भारत के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि पेरिस में जलवायु परिवर्तन पर होने वाली वैश्विक सम्मेलन में भारतीय नेतृत्व आने वाले दशकों के लिए रुख तय करेगा।

ओबामा ने कहा कि सुरक्षा, अर्थव्यवस्था व्यापार, निवेश और रक्षा खरीद में सहयोग जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी बेहतरीन साझेदार हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति से द्विपक्षीय बातचीत के बाद संयुक्त बयान में मोदी ने कहा कि हमारी साझेदारी व्यापक सामरिक और सुरक्षा चिंताओं के संदर्भ में है और रक्षा व्यापार और प्रशिक्षण सहित हमारे बीच रक्षा सहयोग बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के वर्तमान खतरों के बढ़ने और नए के पैदा होने को देखते हुए हमने संकल्प किया है कि आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ हम अपने सहयोग को और गहरा करेंगे।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के बाद भारत की स्थायी सदस्यता के दावे का समर्थन किए जाने के लिए मैं राष्ट्रपति ओबामा का धन्यवाद करता हूं। मैं एक नियत समयसीमा के भीतर संयुक्त राष्ट्र में सुधार की प्रक्रियाओं को पूरा करने में भी अमेरिका का समर्थन चाहता हूं।’

पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में एक लक्षित समयसीमा के भीतर भारत की सदस्यता के दावे का समर्थन किए जाने के लिए भी अमेरिकी राष्ट्रपति का धन्यवाद किया।

प्रधानमंत्री ने जापान सहित क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ एशिया, प्रशांत और हिन्द महासगर क्षेत्रों में भारत अमेरिका के बीच संयुक्त रणनीति में हो रही प्रगति का भी स्वागत किया। पीएम मोदी ने कहा कि इससे हमारा समुद्री सुरक्षा सहयोग और मजबूत होगा।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हमारे सामरिक साझेदारी को और बढ़ाने के लिए मैं एशिया प्रशांत आर्थिक समुदाय में भारत की जल्द सदस्यता के बारे में अमेरिका के साथ काम करने को लेकर आशान्वित हूं।