नयी दिल्ली : शशांक मनोहर का फिर बीसीसीआई अध्यक्ष बनना लगभग तय है क्योंकि उन्हें अनुराग ठाकुर और शरद पवार गुट दोनों का समर्थन हासिल है और जगमोहन डालमिया के निधन के बाद रिक्त हुए अध्यक्ष पद के लिये वह दोनों गुटों की पसंद के उम्मीदवार बन गए हैं।

विदर्भ के 57 वर्षीय वकील मनोहर 2008 से 2011 तक बीसीसीआई के प्रमुख थे जिनके बाद एन श्रीनिवासन अध्यक्ष बने। अपनी साफ छवि और खेलों में भ्रष्टाचार के मामले में कड़े रवैये के कारण मनोहर अब पवार और ठाकुर दोनों गुटों के स्वीकार्य उम्मीदवार बनकर उभरे हैं।

बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और अनुराग ठाकुर के मनाने पर मनोहर फिर से पद संभालने को राजी हुए। पवार के हामी भरने पर बात पक्की हो सकी। ठाकुर और पवार गुट के साथ आने से मनोहर को अब 29 में से 15 वोट मिलना तय है जो अध्यक्ष बनने के लिये जरूरी है।

इसके साथ ही तमिलनाडु के दिग्गज श्रीनिवासन की अपने पसंदीदा उम्मीदवार को अध्यक्ष बनाने की उम्मीदों पर लगभग पानी फिर गया। मनोहर आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के बाद से श्रीनिवासन के धुर आलोचक रहे हैं। वह श्रीनिवासन और पवार के बीच करार की अटकलों के पूरी तरह खिलाफ थे। बोर्ड के दोनों पूर्व अध्यक्षों की हाल ही में नागपुर में मुलाकात हुई थी।