कराची: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कहा है कि वह अब दिसंबर में यूएई में प्रस्तावित सीरीज खेलने के लिए भारत से नहीं कहेगा। पीसीबी ने यह भी कहा कि अब वह इसके लिए भारत के पीछे नहीं भागेंगे और अब इस बारे में फैसला भारत को लेना है। उन्हें द्विपक्षीय क्रिकेट की बहाली की अहमियत समझनी होगी।

पीसीबी के अध्यक्ष शहरयार खान ने पत्रकारों से कहा, ‘मुझे लगता है कि हम इस सीरीज के बारे में बहुत कुछ कह चुके हैं और अब हम उनसे और नहीं कहेंगे। गेंद अब उनके पाले में है और अब उन्हें ही इसके बारे में तय करके हमें इस सीरीज के भविष्य के बारे में बताना होगा।’

यूएई सीरीज और भारत के साथ संबंध के बारे में अभी तक के अपने सबसे तल्ख बयान में इस पूर्व राजनयिक ने कहा कि पीसीबी सीरीज खेलने और द्विपक्षीय क्रिकेट बहाल करने को लेकर अपनी दिलचस्पी जाहिर कर चुका है। उन्होने कहा, ‘मैं इस सीरीज पर और कुछ नहीं कहना चाहता, लेकिन हमारी चिंता का सबब यह है कि हमने सीरीज के बारे में भारतीय बोर्ड को जो पत्र भेजा था, वह अभी तक उनकी सरकार के पास नहीं पहुंचा है।’

पीसीबी प्रमुख ने कहा कि यदि भारतीय बोर्ड सीरीज से पीछे हटता है तो पाकिस्तान आईसीसी और अन्य सदस्य बोर्ड से संपर्क करेगा। शहरयार खान ने कहा, ‘यह सीरीज दोनों बोर्ड के बीच एमओयू का हिस्सा है, जिस पर दोनों के दस्तखत है और जरूरत पड़ने पर हम यह मसला उठाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का रुख साफ है कि क्रिकेट और सियायत को अलग रखा जाना चाहिए।

शहरयार ने कहा,‘‘दोनों देशों के बीच संबंध अतीत में भी तनावपूर्ण रहे हैं, लेकिन हम क्रिकेट खेलते आए हैं। हालांकि भारत ने 2007 से हमारे खिलाफ टेस्ट नहीं खेला है। अब हम उनके पीछे नहीं भागेंगे और अब उन्हें फैसला लेना है और उन्हें द्विपक्षीय क्रिकेट की बहाली की अहमियत समझनी होगी।’’

शहरयार ने कहा कि पाकिस्तान ने प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी कामयाबी नहीं मिली है क्योंकि दिसंबर में सिर्फ दो टीमें ही खाली हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एक जिम्बाब्वे है, जिससे हम इस साल दो बार खेल ही चुके हैं और दूसरी बांग्लादेश है जो अपनी प्रीमियर लीग में व्यस्त होगी, लेकिन हम दूसरे विकल्पों पर भी गौर कर रहे हैं।’’

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने भी कहा कि सिर्फ पाकिस्तान को ही भारत से खेलने की जरूरत नहीं है बल्कि भारत को भी इसकी जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ हम ही उनसे खेलना नहीं, चाहते बल्कि यह भारत के लिए भी अहम है। भारत-पाक सीरीज से दोनों बोर्ड को काफी आर्थिक फायदा होगा और इस पैसे से जमीनी स्तर पर क्रिकेट को बढ़ावा दिया जा सकता है। भारत भले ही आर्थिक शक्ति हो, लेकिन उन्हें पता है कि वे पाकिस्तान से खेलकर और पैसा कमा सकते हैं।’’