पटना: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस महागठबंधन ने आज अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 242 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की, जबकि एक सीट पर उम्मीदवार का ऐलान बाद में करने की बात कही।
आरक्षण के मसले पर संघ की ओर से दिए गए बयान पर भी नीतीश ने बीजेपी और संघ को अड़े हाथों लिया। नीतीश ने कहा कि संघ देश के संविधान से इतर हो कर एक नया संविधान चाहते है। उन्होने कहा कि संघ चाहता है कि कुछ लोगों की कमेटी बन जाए और वो इस पर विचार करे कि किन लोगों को और कितने दिन के लिए आरक्षण मिलना चाहिए, जोकि सरासर गलत और संविधान के ख़िलाफ़ है। इसके साथ ही उन्होंने ताना मारते हुए कहा कि आरएसएस बीजेपी के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरह है।
नीतीश कुमार ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि महागठबंधन ने सीट बंटवारे में समाज के हर तबके को नुमाइंदगी दी है। सामान्य श्रेणी से 16 प्रतिशत, पिछड़े वर्ग से 55 प्रतिशत, एससी/एसटी वर्ग से 15, जबकि अल्पसंख्यक समुदाय से 14 प्रतिशत उम्मीदवारों को टिकट दिए गए हैं। महागठबंधन उम्मीदवारों में 10 फीसदी महिलाएं भी हैं।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेताओं ने उन्हें सीटों का ऐलान करने को कहा और लंबी चर्चा के बाद हमने सीटों का निर्धारण किया, इसलिए किसी को कोई शिकायत नहीं है। लिहाजा, हमारे गठबंधन में सीटों का कोई विवाद नहीं है।
नीतीश ने आगे कहा, महागठबंधन विकास को सबसे बड़ा मुद्दा मानती है, लेकिन बीजेपी विकास की बात तो करती है, लेकिन समाज में विभाजन की राजनीति करती है। उन्होंने बीजेपी पर भ्रम पैदा करने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया।
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