नई दिल्ली। नेशनल एनक्रिप्शन पॉलिसी के तहत प्राइवेट चैट पर सरकारी पहरे की बात पर बढ़े विवाद को बाद यह साफ कर दिया गया है कि व्हाट्सएप, फेसबुक जैसे मोबाइल एप और ऎसे अन्य दूसरे सोशल मीडिया मंचों को इससे दूर रखा गया है।

डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि एनक्रिप्शन पॉलिसी में कई ऎसी कैटेगिरी हैं, जिन्हें इस नीति से छूट मिलेगी। हालांकि इससे पहले सरकार व्हाट्सऎप, गूगल हैंगआउट और एपल आईमैसेज इस्तेमाल करने के तरीके में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में दिख रही थी।

केंद्र सरकार एक ऎसी नीति बनाने पर विचार कर रही थी, जिसके तहत यूजर और कंपनियों को सभी मैसेज 90 दिन तक स्टोर करके रखना होगा और सरकारी एजेंसियों द्वारा मांगे जाने पर मैसेज को मुहैया भी कराना होगा। रिसीव मैसेज को आप 90 दिन पहले अगर डिलीट करते हैं तो आपको कानूनी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है। मैसेज आपको प्लेन टेक्स्ट में सेव करके रखने पड़ेंगे।

डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने नेशनल इन्क्रिप्शन पॉलिसी से जुड़ा ड्राफ्ट अपनी वेबसाइट पर डाला था। इस ड्राफ्ट के जरिए लोगों से सरकार के मिशन, रणनीति, उद्देश्यों और विनियामक ढांचे पर 16 अक्टूबर तक सुझाव मांगे थे।

इन्क्रिप्शन वह तकनीक है, जिसके जरिए किसी साधारण डाटा को इस तरह सिक्योर किया जाता है कि कोई गैर आधिकारिक शख्स इसे पढ़ न पाए।