लखनऊ:  प्रदेश के जल संसाधन एवं परती भूमि विकास, सार्वजनिक निर्माण एवं सहकारिता मंत्री शिवपाल सिंह यादव आज उ0प्र0 भूमि सुधार निगम के सभागार में विश्व बैंक के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में निगम के कार्यो की समीक्षा बैठक में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ’’प्रदेश में जल निकास के साथ-साथ जल संचय करने की आवश्यकता है।’’

श्री यादव ने निगम के द्वारा किए जा रहे ऊसर एवं बीहड़ सुधार के कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पशुपालन कार्यक्रम को और अधिक सघनता से लागू करने की आवश्यकता है, ताकि जमीन पर उसका लाभ दिखे। उन्होंने कहा कि योजना में किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने और बेरोजगारों को अधिक रोजगार दिलाने के लिए कार्य किया जाये। 

श्री शिवपाल सिंह यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदेश में अच्छी उपजाऊ भूमि है। जाड़ा, गर्मी और वर्षा जैसी ऋतुएँ हैं। यहाँ पर सब्जी और फलों के उत्पादन की अपार सम्भावनाएँ हैं, जिससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने प्रदेश में बीहड़ क्षेत्रों के सुधार के लिए विश्व बैंक अधिकारियों से सहयोग की अपील की।  श्री यादव ने ग्राम स्तर पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को ग्राम में ही निवास करने के निर्देश दिये और कहा कि इससे कार्यो की गुणवत्ता बढ़ेगी। निगम में तकनीकी कर्मचारियों की कमी पर मा0 मंत्री जी संविदा पर सेवानिवृत एवं नये कुशल बेरोजगारों को रखने के निर्देश दिये, साथ ही निगम में 20-20 वर्षों से कार्य कर रहे संविदा कर्मियों के स्थायीकरण एवं उनकी समस्याओं पर विचार करने के निर्देश दिये। 

राज्य मंत्री, लोक निर्माण एवं सिंचाई श्री सुरेन्द्र सिंह पटेल ने अपने उद्बोधन में निगम के द्वारा ऊसर सुधार के लिए किए जा रहे कार्यो पर खुशी व्यक्त करते हुए बीहड़ सुधार के लिए इसी प्रकार कार्य करने की आवश्यकता बताई। समीक्षा बैठक में उपस्थित विश्व बैंक के प्रतिनिधि टास्क टीम लीडर बायरसेखान तुमरदवा, डा0 पाॅल सिद्धू, श्री आर0 एस0 पाठक ने बताया कि मैने सोडिक तृतीय परियोजना के 25 ग्रामों का भ्रमण किया है। मैने लगभग 20 देशों में कार्य किया है लेकिन इतना अच्छा कार्य कहीं नहीं देखा, जिससे गरीबों को इतना लाभ मिल रहा है। 

श्री दीपक सिंघल, प्रमुख सचिव, सिंचाई एवं परती भूमि विकास विभाग ने कहा कि यह एक ऐसी परियोजना है, जिसमें अन्य विभागों की तरह शिकायतें नहीं हैं। इस परियोजना में बहुत अच्छा कार्य हुआ है।