श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने इस विचारधारा को खारिज किया है कि, परमाणु हमले के डर से कश्मीर का मुद्दा सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र कभी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं रहा है और आगे बढऩे के लिए सबसे बेहतर तरीका बातचीत है। अब्दुल्ला ने इस बात को स्वीकारा की जहां तक भारत-पाकिस्तान के संबंधों की बात है उसमें कश्मीर मुख्य एजेंडा है।

उन्होंने कहा, \’दोनों देशों के बीच बातचीत होना अहम है ताकि कोई हल निकाला जा सके। जंग की धमकी देने या फिर ये एटम बम से हमला करने की बात से मसला सुलझाया नहीं जा सकता है।” जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने आगे कहा कि एक चीज एक दम साफ है कि बॉर्डर्स कभी नहीं बदलेंगे, चाहे दोनों देश उसे कितना भी बदलना चाहते हों। आपको बता दें कि फारूक अब्दुल्ला ने ये बात \’ए कनवरजेशन ऑफ जम्मू एंड कश्मीर” प्रोग्राम पर कही है।

इस मौके पर उनके साथ शुक्रवार को पूर्व रॉ चीफ एएस दौलत भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि दौलत कश्मीर के ऊपर एक किताब भी लिख चुके हैं। उस किताब का नाम \’कश्मीर: द वाजपेयी इयर्स” है।