पटना: बिहार में मध्य अक्टूबर से शुरू होने जा रहे विधानसभा चुनावों में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले ‘महागठबंधन’ और बीजेपी नीत चार पार्टियों के गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने का अनुमान है।

वहीं कभी इस गठबंधन का हिस्सा रहे मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी (एसपी) अब शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और समाजनादी जनता दल- लोकतांत्रिक नाम की क्षेत्रीय पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी।

हालांकि बिहार की राजनीति में ना तो एसपी और ना ही एनसीपी की कोई पकड़ रही है। साल 2010 के विधानसभा चुनाव में दोनों में से कोई पार्टी को एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। वहीं पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में एनसीपी ने एक संसदीय सीट पर जीत दर्ज की, जबकि समाजवादी पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही थी।

हालांकि उनका गठबंधन कुछ सीटों पर मुस्लिम और यादव वोट में सेंध लगा कर नीतीश-लालू-कांग्रस गठबंधन की मुसीबत का सबब जरूर बन सकता है।

समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने आज तीसरे मोर्चे का ऐलान करते हुए साफ किया कि वह नीतीश नीत गठबंधन पर भी निशाना साधेगी। आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्तर पर गैर-कांग्रेस और गैर-बीजेपी राजनीतिक समूहों को अक्सर ही तीसरे मोर्चे का नाम दिया जाता रहा है।