लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तत्परता के कारण बरेली एसपी सिटी ने हरिद्वार की जिला पंचायत अध्यक्ष अंजुम बेगम की लाल बत्ती लगी गाड़ी का पीछा कर उसमें से 1.6 करोड़ की नकदी बरामद की है। जिला पंचायत अध्यक्ष के देवर मो. शहजाद हरिद्वार में बादराबाद विधानसभा से तीन बार विधायक भी रह चुके हैं। उन्होंने गाड़ी में 1.6 करोड़ रुपये होने की बात स्वीकारी है। पुलिस ने गाड़ी में मौजूद जिला पंचायत अध्यक्ष के पति सत्तार समेत उसमें मौजूद सभी आठ लोगों को पूछताछ के लिए बैठाया है। पुलिस व आयकर विभाग के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।

मंगलवार शाम लखनऊ से एक फोन आने के बाद (माना जा रहा है कि यह फोन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था ) जिले की पुलिस सक्रिय हुई। कार्रवाई के लिए एसपी सिटी समीर सौरभ ने स्वयं कमान संभाली। हरिद्वार से आ रही एक लाल बत्ती और एक अन्य स्कार्पियों कार का पुलिस टीम ने सीबीगंज से पीछा शुरू किया। एसपी सिटी ने कई बार गाडिय़ां रुकवाने का प्रयास किया, लेकिन चालक ने नहीं रोका। 70 किलोमीटर पीछा करने के बाद पुलिस ने रोड पर बैरियर व पीएसी लगाकर दोनों गाडिय़ों को फतेहगंज पूर्वी में रोक लिया। एसपी सिटी दोनों वाहनों को कब्जे में लेकर एसएसपी आवास ले आए। बताया जाता है कि गाडिय़ों में जिला पंचायत अध्यक्ष अंजुम बेगम के पति सत्तार, देवर अमीर आजम, उनके साथी अकरम, इदरीश, कुर्बान, गनर और दो ड्राइवर थे। सभी को एसएसपी आवास लाया गया। उन लोगों से रुपयों के बारे में जानकारी लेकर आयकर विभाग को मामले से अवगत कराया गया। गाडिय़ों में मौजूद लोगों को एसएसपी आवास में अंदर करने के बाद मीडिया को बाहर कर दिया गया। आयकर विभाग की टीम आने के बाद उन्हें पुलिस लाइंस ले जाया गया। फिलहाल देर रात तक मामले की जांच जारी थी। वहीं इस मामले में पूर्व विधायक व जिला पंचायत अध्यक्ष के देवर मो. शहजाद ने बताया कि उन्होंने लखनऊ में जमीन का सौदा किया था। बुधवार को एक करोड़ रुपये देकर रजिस्ट्री करानी थी। इसके लिए 1.6 करोड़ रुपये मंगाए थे। मैं पूरा हिसाब देने को तैयार हूं। मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश की गई है।