नई दिल्‍ली: चुनाव आयोग ने आज (बुधवार) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम पर बैन लगाने से इनकार कर दिया। बिहार में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सियासी सरगर्मी बढ़ने के साथ ही महागठबंधन में शामिल दलों ने पीएम नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर आपत्ति जताई है। महागठबंधन में शामिल दलों का कहना है कि यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। चुनाव आयोग के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, कार्यक्रम के कॉन्टेंट में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पाये जाने पर ही इस मांग को संज्ञान में लिया जा सकता है।

चुनाव आयोग ने आज पीएम के ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम पर ‘पूरी तरह रोक’ रोक लगाने की संभावना से इनकार किया। आयोग ने यह बात इन खबरों के बीच कही कि कांग्रेस यह आरोप लगाकर चुनाव इकाई से प्रतिबंध की मांग कर सकती है कि कार्यक्रम बिहार विधानसभा चुनाव की वजह से लागू आचार संहिता का उल्लंघन करता है।

आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केवल यह पाए जाने के बाद ही कोई संज्ञान लिया जा सकता है कि कार्यक्रम की सामग्री आचार संहिता का उल्लंघन करती है। ‘मन की बात’ कार्यक्रम की अगली कड़ी आगामी रविवार को प्रसारित होगी। यह एक नियमित रेडियो प्रसारण है जिसमें मोदी विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा करते हैं।

अधिकारी ने कहा, कैबिनेट बैठक और मन की बात जैसे कार्यक्रम पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता, लेकिन निर्वाचन आयोग तब संज्ञान ले सकता है जब पाया जाए कि कैबिनेट का फैसला या कार्यक्रम की सामग्री आचार संहिता का उल्लंघन करती है। उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट किया कि वह तथ्य के मामले के संबंध में बयान दे रहे हैं और कांग्रेस या किसी अन्य दल की ओर से इस तरह की किसी मांग से अवगत नहीं हैं।

अधिकारी ने कहा कि यदि इस तरह की शिकायत की जाती है तो चुनाव आयोग कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग का अध्ययन करता है और तब फैसला लेता है। उन्होंने उल्लेख किया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान कार्यक्रम के खिलाफ कांग्रेस ने इस तरह की मांग की थी, लेकिन निर्वाचन आयोग को कार्यक्रम में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला था।