लखनऊ। युवा पत्रकार एवं लेखक चैधरी जि़या इमाम ने हिंदी दिवस पर उत्तर प्रदेष के राज्यपाल महामहिम रामनाईक जी से मुलाकात की और मोहम्मद रफी के जीवन पर आधारित अपनी पुस्तक ‘पैयम्बर-ए-मौसिकी’ उनको भेंट की। इस मौके पर महामहीम ने जि़या इमाम को कलमवीर की उपाधि से नवाज़ा। इस अवसर पर उनके साथ समाजसेवी गोपाल कृष्ण त्रिवेदी भी मौजूद थे।

हिंदी दिवस के मौके पर पत्रकार एवं लेखक चैधरी जि़या इमाम ने उत्तर प्रदेष के राज्यपाल को हिंदी में लिखी मोहम्मद रफी की जीवनी ‘पैयम्बर-ए-मौसिकी’ भेंट की। इसके अलावा हिंदी में लिखी अपनी बाकी पुस्तकें भी दिखायी। इस अवसर पर महामहिम ने जि़या इमाम को षुभकामना देते हुए इसी प्रकार निरंतर मातृभाषा की सेवा करने के लिये कहा तथा कलमवीर की उपाधि से भी नवाज़ा। उन्होंने कहा कि मोहम्मद रफी साहब जितनी अच्छे गायक कलाकार थे। उससे अधिक कहीं अच्छे नेक इंसान थे। मोहम्मद रफी ने अपने गले के दम पर पूरी दुनिया में भारत का नाम रौषन किया है। साथ ही महामहिम ने जि़या की लता मंगेषकर पर आने वाली नई पुस्तक के लिये भी मुबारकबाद दी। इस मौके पर उनके साथ समाजसेवी गोपाल कृष्ण त्रिवेदी भी मौजूद रहे। चैधरी जिया इमाम इससे पहले नौषाद साहब की जीवनी ‘जर्रा जो आफताब बना’ के नाम से लिख चुके हैं। उन्होंने इब्ने सफी के 12 उपन्यासों का अनुवाद भी किया है। इसके अलावा उन्होंने ‘ब्याड दा होराइज़न’ नामक अग्रेजी में उपन्यास भी लिखा है, जिसका प्रकाषन अमेरिका से हुआ था। वर्तमान में इनकी एक किताब ‘लस्चर आॅफ जर्नलिज्म इन इंडियन सिनेमा’ का प्रकाषन लंदन स्थित एक प्रकाषन कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। जिसका हिंदी रूपांतरण भारतीय सिनेमा में पत्रकारिता का महत्त्व का प्रकाषन भारत में किया जाएगा।