लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज इण्डियन सोसायटी आफ पीडियाट्रिक रेडियोलाॅजी के 13वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश में मरीजों के अनुपात में कुशल डाक्टरों की कमी है। चिकित्सक सप्ताह में एक दिन अपनी सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों को दें। इससे ग्रामीण क्षेत्रों को आधुनिक चिकित्सा तकनीक का लाभ होगा और बच्चों के स्वास्थ की दृष्टि से उपयुक्त भी होगा। उन्होंने कहा कि कुशल डाक्टरों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ सेवाएं उपलब्ध कराने से झोला-छाप डाक्टरों पर रोक भी लगेगी।

श्री नाईक ने कहा कि बदलती जीवन शैली के अनुरूप स्वास्थ का ध्यान रखने में डाक्टरों का मार्ग दर्शन जरूरी है। भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है। विदेशों में भी भारतीय चिकित्सक एवं नर्स आदि अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।  शल्य क्रिया को विज्ञान ने बहुत आगे बढ़ाया है। स्वास्थ के क्षेत्र में अनुसंधान एवं नयी तकनीक पर शोध महत्वपूर्ण है। भारत में मेडिकल टूरिज्म बढ़ा है क्योंकि यहाँ कुशलता के साथ-साथ विदेशों की अपेक्षा इलाज सस्ता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक स्वस्थ युवा ताकत निर्माण करने का काम करते हैं।

राज्यपाल ने बताया कि सांसद में रहते हुए उन्होंने प्राईवेट मेम्बर बिल प्रस्तुत करके स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए शिशु आहार उत्पादों पर ‘माँ का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम है‘ लिखे जाने का कानून बनवाया। बच्चे के स्वास्थ के बारे में माँ को सचेत करना तथा चिकित्सकीय साक्षरता बढ़ाने की आवश्यकता है। देश में औसत आयु दर बढ़ी है एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है। चिकित्सा से जुडे लोग ईमानदारी, प्रमाणिकता और कुशलता से अपना कार्य करते हुए स्वास्थ क्षेत्र में आगे कैसे बढ़ा जाय इस पर विचार करें। उन्होंने उम्मीद जतायी कि वर्ष 2020 तक भारत विश्व का युवा देश बनेगा जिसमें चिकित्सकों का रोल महत्वपूर्ण होगा।

इस अवसर पर प्रो0 नीरा कोहली विभागाध्यक्ष रेडियो डायग्नोसिस विभाग के0जी0एम0यू0 ने स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम में कुलपति, प्रो रविकांत सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखें।