लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा अखिलेश राज में नौकरियों की सुचिता पर लगातार प्रश्न खड़े हो रहे है ? प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि लेखपाल भर्ती परीक्षा को लेकर सरकार की नियत में ही खोट है पहले परीक्षा में सक्षात्कार के अंको को 10 से बढ़ाकर 20 किया गया अब दागी और दागदार विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाया जा रहा है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि परीक्षाओं की सुचिता बनी रहे इस दिशा में ठोस प्रयास हो।

उन्होंने कहा 13 सितम्बर को राज्य में होने वाली लेखपाल भर्ती परीक्षा को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है पहले परीक्षा के नियमों में फेरबदल अब परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में मनमानी तमाम अशंकाओं को जन्म देती हैं। राजधानी लखनऊ में जिन 113 परीक्षा केन्द्रों को परीक्षा के लिए केन्द्र बनाया गया है उनमें ज्यादातर प्राइवेट स्कूल है। 113 में केवल 8 सरकारी विद्यालय है शेष सभी प्राइवेट स्कूल है। पहले भी प्राइवेट स्कूलों को परीक्षा केन्द्र बनाने के कारण पीसीएस तक की परीक्षा को लेकर सवाल खड़े हुए। यहां तक की 29 मार्च 2015 को आयोजित हुई यूपीपीसीएस की परीक्षा के दौरान कक्ष निरिक्षकों ने समय से पहले पेपर का पैकेट खोल मोबाइल से फोटो खींचा वाटसप के जरिये पेपर दूसरों को भेजकर लीक कर दिया गया। जब जांच हुई तो पता चला कि उस विद्यालय की मान्यता तक नहीं है।

श्री पाठक ने कहा कि सामान्य तौर पर परीक्षाओं के लिए सबसे पहले राजकीय विद्यालय उसके बाद अनुदानित और इसके बाद अगर परीक्षार्थियों की संख्या ज्यादा है तो फिर अच्छी छवि वाले निजी स्कूलों को परीक्षा केन्द्र इन शर्तो के साथ बनाया जाता है कि वहां तक आवागमन के साधन अच्छे हो। अखिलेश राज में अनुदानित स्कूलों के बजाय निजी कालेज को ही प्राथमिकता है। यही कारण है कि 2014 में आईटीआई की परीक्षा में छात्र मोबाइल और किताब रखकर नकल कर रहे थे। जब समाचार पत्रों ने खबर प्रकाशित किया तो परीक्षा केन्द्र को डिवार करने की बात कही गयी थी किन्तु लेखपाल भर्ती परीक्षा में वे विद्यालय भी केन्द्र बनाये गये है। उन्होंने कहा कि बड़े मेहनत और परिश्रम से बेरोजगार नौजवान परीक्षा की तैयारी करता है, सरकारी लापरवाही, पेपर लीक जैसी घटना होने से उसे दोहरी मार पड़ती है। जहां उसे एक ओर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है वहीं उसे निराशा भी मिलती हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा बेरोजगारो को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा कर सत्ता में आयी अखिलेश सरकार की नीतियों के कारण राज्य में लाखों पद रिक्त है, बेरोजगार नौकरियों की दरकार में सड़क पर घूम रहे है। जहां कही नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू होती है वहां शुरूआत से ही सरकार अपने लोगों की भर्ती हो की नीति पर चलने लगती हैं जिसके कारण ज्यादातर नियुक्तियांें के मामले न्यायालय में लम्बित हैैै। उन्होंने आगामी 13 सितम्बर को होने वाली लेखपाल भर्ती परीक्षा की सुचिता बनी रहे इसके लिए कठोर कदम उठाये जाने की मांग की।