लखनऊ: देश में खुदरा भुगतान के समन्व यक संगठन भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश में अपनी तरह की पहली ई.पेमेंट साक्षरता कार्यशाला की शुरुआत की है। उत्तर प्रदेश के चौदह लक्षित केन्द्रों में सीतापुर, बांदा, कानपुर, रायबरेली, अलीगढ़, लखनऊ, आजमगढ़, वाराणसी, अमरोहा, मुरादाबाद, बलिया, गोरखपुर, गोंडा और मेरठ शामिल थे। इसके साथ ही एनपीसीआई प्रतिनिधियों द्वारा 28 राज्यों के 120 केन्द्रों पर सभी 56 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा समर्थित इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। एक ही समय में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के 24000 से अधिक प्रतिभागियों ने इस पहल में हिस्सा लिया।

कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को एटीएम और उससे संबंधित कैश विदड्रॉलए  बैलेंस इंक्वायरी, मिनी स्टेटमेंट जैसी कई सुविधाओं से जुड़ी जानकारियां दी गई। उपभोक्ताओं को सलाह दी गई और उन्हे पिन चेंजए फंड ट्रांसफर से जुड़ी सावधानियों का डिमॉन्स्ट्रेशन करके दिखाया गया। उन्हें मोबाइल नंबर पंजीकरण और  बैंक व एलपीजी सब्सिडी प्रक्रिया के साथ आधार को जोड़ने से संबंधित सेक्योरिटी टिप्स भी दिए गए। एनपीसीआई की ग्राहकों के अनुकूल फंड ट्रांसफर सेवाओं के साथ पीओएसए ई.कॉम एटीएम चैनल्स पर रुपे कार्ड के माध्यम से पेमेंट सॉल्यूशन को भी प्रोत्साहित किया गया।

एनपीसीआई के अध्यक्ष  बालचंद्रन एम ने ‘ स्मार्ट  पेमेंट’ ई.बुक मैनुअल को पेश किया जिसे एनपीसीआई अधिकारियों द्वारा सभी बैंकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बुकलेट में एटीएम ट्रांजेक्शन, रुपे डेबिट कार्ड, पीओएस यूसेज, ई.कॉमर्स ट्रांजेक्शन, आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा), एईपीएस ;आधार इनेबल्ड भुगतान सेवाद्ध से जुड़े व आसानी से समझे जाने वाले 136ए बुनियादी व प्रासंगिक पूछे जाने वाले प्रश्न शामिल है। इन प्रश्नों के माध्यम से पूरी प्रक्रिया को पेमेंट प्रोडक्ट्स और एनपीसीआई की एनएफएस (नेशनल फाइनेंशियल स्विच), डेबिट कार्ड, आईएमपीए एईपीएस और एपीबीएस (आधार पेमेंट ब्रिज सिस्टम) जैसी सेवाओं के आधार पर 5 वर्गों में विभाजित किया गया है जिनका उद्देश्य  उपभोक्ताओं को पेश आने वाली बुनियादी चुनौतियों पर ध्यान देना है।