प्रमुख सचिव ने उन्नाव में अवैध शराब के निर्माण व बिक्री को रोके जाने के  दिये सख्त निर्देश

 लखनऊ: प्रदेश की आबकारी प्रमुख सचिव, आराधना शुक्ला ने उन्नाव के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये कि वे टीम बनाकर पूरे जनपद की निरन्तर चेकिंग करायें, पहले से चिन्हित स्थानों और व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखी जाये और यह सुनिश्चित किया जाये कि किसी भी दशा में अवैध मदिरा का निर्माण, परिवहन और बिक्री न होने पाये। उन्होंने इस संबंध में ‘जीरो टालरेंस’ अपनाये जाने के निर्देश दिये तथा जिलाधिकारी को यह भी निर्देशित किया कि आबकारी विभाग के जो भी कर्मचारी शिथिल हों उनके विरूद्ध स्थानीय स्तर पर कठोर कार्यवाही करेंे तथा उनकी सूची आबकारी आयुक्त को भी भेजंे ताकि उनके विरूद्ध स्थानान्तरण व अन्य कार्यवाही की जा सके।

श्रीमती आराधना शुक्ला आबकारी आयुक्त, भवनाथ के साथ उन्नाव में जहरीली शराब के सेवन से हुई मृत्यु के परिपे्रक्ष्य  में उन्नाव की जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक पवन कुमार, जिला आबकारी अधिकारी, एस0एन0 दुबे तथा आबकारी विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ अवैध मदिरा के निर्माण, आसवन, परिवहन एवं भण्डारण तथा बिक्री को रोकने के लिए आज लोक निर्माण विभाग, उन्नाव के अतिथि गृह में एक बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। 

श्री आराधना शुक्ला ने जनपद उन्नाव में जहरीली शराब के सेवन से हुई मृत्यु की घटना के दृष्टिगत प्रवर्तन कार्य में तेजी लाने के निर्देश दियेे। उन्होंने यह भी निर्देश दिये गये कि जहाॅं-जहाॅं अवैध रूप से मदिरा का निर्माण हो रहा है और उनकी जो भठ्ठियाॅं तोड़ी गयी हैं उन स्थानों पर प्रत्येक 10 दिवस में संबंधित आबकारी एवं पुलिस के अधिकारी/कर्मचारी निरन्तर निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि वहाॅं पर पुनः किसी भी दशा में अवैध मदिरा का निर्माण न होने पायें। बाहर के टैंकरों से मिथाइल अल्कोहल के अवैध रूप से उतारे जाने की सम्भावनाओं को समाप्त करने के लिए यह निर्देश दिेये कि राजमार्गों पर स्थित ढाबों की निरन्तर चेकिंग की जाये, जिससे अवैध रूप से टैंकरों से मिथाइल अल्कोहल न निकाली जा सके। 

प्रमुख सचिव ने कहा कि अभिसूचना के संकलन या इस तरह के अवैध रूप से टैंकरों से मिथाइल अल्कोहल या डिनेचर्ड स्प्रिट निकाले जाने वाले ढाबों को चिन्हित किया जाये और उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाये। लेखपाल व चौकीदारों से प्रति सप्ताह अवैध मदिरा के निर्माण और बिक्री आदि के संबंध में सूचना प्राप्त की जाये और यदि किसी कर्मचारी के क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री पायी जाती है तो उसके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये।

श्रीमती शुक्ला ने निर्देश दिये कि सुनियोजित तरीके से अवैध मदिरा के निर्माण व बिक्री करने वाले माफियाओं पर भी निरन्तर दृष्टि रखी जाय और ऐसे माफिया जो इन  कार्यों में लिप्त पाये गये है उनके विरूद्ध गैंगेस्टर एक्ट की कार्यवाही करने पर भी विचार किया जाय तथा अवैध रूप से अर्जित सम्पत्तियों के जब्तीकरण की कार्यवाही की जाये।