लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा अखिलेश सरकार के मंत्रियों का जनसरोकार से नाता टूट गया हैं। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा जन सुनवाई और जनसरोकार से विरत होती अखिलेश सरकार झूठे वादे और घोषणाओं के भरोसे राज्य में वातावरण तो बनाने में जुटी है किन्तु राज्य में स्वस्थ कार्य संस्कृति विकसित करने में पूरी तरह विफल रही है। 

मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा मोदी सरकार को कोसने में जुटे लोग पूरे होते वादे का नारा देते है, सर्वाधिक लैपटाप वितरण के लिए अपनी पीठ थपथपाते है, किन्तु वादा किया कि इण्टर पास छात्रों को लैपटाप देंगे हाई स्कूल पास को टैबलेट देंगे क्या हुआ। विकास के दावे हो रहे है, किन्तु बजट समय से खर्च हो इस पर मौन है। जब पैसा ही नहीं खर्च कर पा रहे है तो विकास के दावे कैसे पूर्ण हो रहे है। 

उन्होंने कहा कि मंत्रीगण ए.सी. कमरो में चुनिदा लोगो से तो मिल रहे है किन्तु प्रदेश का आम आदमी मारा-मारा फिर रहा है, उसकी समस्या के समाधान की कौन कहे, उससे मिलना भी गवारा नहीं है, अखिलेश सरकार के मंत्रियों के मिलने का समय नहीं निर्धारित है। जिलों जिलों में अधिकारी मिल नहीं रहे है लोग अपनी बात कहे किससे।

श्री पाठक ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को आडे हाथों लेते हुए कहा कि बार-बार बैठकों से लेकर -सार्वजिनक सभाओं में अखिलेश सरकार के मंत्रीयों की कार्यशैली  को लेकर सवाल खडे करते है, दावे के साथ कहते है कि सब उनकी जानकारी में भी है, सुधर जाओं की चेतावानी भी जारी करते  है, समय सीमा भी निर्धारित करते है। सत्ता गठन के प्रथम छमाही  से ही चेतावनी देने की बार-बार बात तो करते है परन्तु जनसरोकार से विरत होते मंत्रियों पर कोई कार्यवाही नहीं होती है। वे सवाल तो खडे़ करते है, किन्तु समाधान जो उनके पास है उसे करते नहीं। 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आश्चर्य  तो इस बात पर होता है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में उनके मंत्री परिषद के सदस्यों के कामकाज पर उन्ही के पार्टी प्रमुख सवाल खडे करते है, बार-बार करते है, किन्तु मुख्यमंत्री सुनी अनसुनी करते है क्योंकि एक ही बात बार-बार कही जा रही है, किन्तु उसके समाधान नहीं दिख रहे है, स्पष्ट है या तो सपा प्रमुख की सुनवाई नहीं हो रही, या फिर जनमानस में खुद ही पक्ष और प्रतिपक्ष बन उसे भ्रमित करने की सपाई नीति है।