हिंसा में मारे गये समर्थकों को 36 घंटे में 35-35 लाख रूपये मुआवज़ा देने का दिया अल्टीमेटम 

अहमदाबाद । गुजरात में राजनीतिक रूप से मजबूत पटेल समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल कर आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे संगठन पाटीदार अनामत आंदोलन के संयोजक हार्दिक पटेल ने गुरूवार को चेतावनी दी कि 25 अगस्त को उनकी गिरफ्तार के बाद भड़की राज्यव्यापी हिंसा में मारे गये उनके आठ समर्थकों को सरकार अगर 36 घंटे के भीतर 35-35 लाख रूपये का मुआवजा नहीं देती तो वह अपने समुदाय से दूध, सब्जी जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को ठप करने का आहवान करेंगे।

22 वर्षीय युवा नेता हार्दिक ने कहा कि पूरी हिंसा के लिए जिसमें एक पुलिस वाले समेत नौ लोग मारे गये हैं पहले नंबर की कसूरवार पुलिस ही है। दूसरा नंबर सरकार का है और तीसरा उन असामाजिक तत्वों का जिन्होंने ऎसी घटनाओं को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को मृतकों को जल्द से जल्द मुआवजा देना चाहिए और ऎसा नहीं होने पर वह गांवों के अपने लोगों से दूध और सब्जियों समेत अन्य जीवनोपयोगी वस्तुओं की आपूर्ति रोकने का आहवान करेंगे। हार्दिक ने कहा कि फिलहाल उनका आंदोलन शांतिपूर्वक चलता रहेगा और वह गुजरात में हिंसा को रोकने के लिए कमान संभालने वाली सेना के जवानों का नमन करते हैं।

उन्होंने मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल पर परोक्ष प्रहार करते हुए कहा कि यहां की सरकार की बातों से ऎसा लगता है कि इसमें कोई दम ही नहीं है। यह कहती है कि 25 अगस्त की हमारी आरक्षण रैली के बाद जीएसडीसी मैदान के धरने पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई की इसको जानकारी ही नहीं थी। ऎसे में यह सोचना पड़ता है कि ऎसे लोगों को सत्ता में किसने बिठा दिया जिन्होंने पुलिस को ही मनमानी करने वाला गुंडा बना दिया है। पटेल आरक्षण से जुड़े एक अन्य संगठन सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लालजी पटेल के बारे में पूछे गये एक सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा कि वह गलत आदमी है और इसी वजह से हाल की हिंसा के दौरान लोगों ने उनके कार्यालय को निशाना बनाया। हमारे आंदोलन को बांटने की कोशिश को बर्दाशात नहीं किया जाएगा।