नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घरेलू शेयर बाजार में आज आयी भारी गिरावट के लिये वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सरकार तथा रिजर्व बैंक स्थिति पर नजर रखे हुए हैं तथा उम्मीद है कि वर्तमान अस्थायी स्थिति का प्रभाव खत्म होते ही बाजार में स्थिरता आ जाएगी।

जेटली ने कहा, पिछले कुछ दिन से वैश्विक बाजार में बहुत अधिक उठा-पटक देखने को मिल है। स्पष्ट रूप से इस उठा-पटक का भारतीय बाजार पर भी प्रभाव पड़ा। इसके कारक, पूरी तरह बाहरी हैं। उन्होंने कहा कि एक भी ऐसा घरेलू कारक नहीं है जिससे बाजार में गिरावट हो या उससे गिरावट में इजाफा हो। कारण बाहरी हैं। मुझे तनिक भी संदेह नहीं है कि उठा-पटक की ये परिस्थितियां अस्थायी हैं। बाजार में स्थिरता लौटेगी। जेटली ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान अलग से संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार तथा रिजर्व बैंक स्थिति पर निगाह रखे हुए हैं। उन्होंने वैश्विक गतिविधियों के प्रभाव से निपटने के लिये अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की जरूरत को रेखांकित किया।

वैश्विक बाजार में उठा-पटक के बीच शेयर बाजार में आज भारी गिरावट दर्ज की गयी और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 1,500 अंक से अधिक टूट गया। पिछले साढे सात साल में यह सबसे बड़ी गिरावट है। वैश्विक बाजारों में भारी उथल पुथल के बीच तीस शेयरों वाला सेंसेक्स कुछ उबर कर 1456 अंक की गिरावट के साथ 25,909 अंक जबकि नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 436 अंक की गिरावट के साथ 7,863 अंक पर चल रहा था। दोनों सूचकांकों में दोपहर बाद के कारोबार के दौरान 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी।

अरुण जेटली ने यह भी कहा कि सरकार तथा रिजर्व बैंक समेत सभी संबद्ध प्राधिकरण स्थिति पर नजर रखे हुए है और क्या करना, उस जिम्मेदारी को लेकर पूरी तरह सचेत हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि जहां तक भारत का सवाल है, इस समय हमारी प्रतिक्रिया बहुत साफ है। हमें अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि घरेलू संकेतक अत्यंत सकारात्मक है। एक बार ये अस्थायी प्रवृत्ति का प्रभाव खत्म हो जाता है, बाजार खासकर भारत में स्थिति ठीक हो जाएगी..।