लखनऊ: भारत में असम ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने बाल तस्करी (ट्रैफिकिंग) और उनसे संबंधित अपराधों को रोकने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन (केएससीएफ) ने राज्य में विभिन्न प्रकार से होने वाली बच्चों की प्रताड़ना से अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के कार्यालय के साथ मिलकर काम करता रहेगा।
नोबल पुरूस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा, ‘‘मैं बाल तस्करी के खिलाफ सक्रिय समर्थन देने के लिए असम सरकार की सराहना करता हूं। अवैध प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से होने वालीबाल तस्करी की चनौती पर तत्काल ध्यान देना जरूरी था और इस घ¨षणा के माध्यम से असम सरकार ने बच्चों के खिलाफ हिंसा से जूझ रहे दूसरे राज्यों के सामने उदाहरण पेश किया है। ओं की तस्करी, बच्चों के प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से गैरकानूनी रोज़ गार में लगाने, बाल विवाह और महिलाओं व बच्चों से संबंधित अन्य अपराधों को रोकने लिए संबंधित विभागों को सख्त नियम बनाने के निर्देश दिए थे।
राज्य सरकार केएससीएफ और यूनिसेफ से परामर्श से एक सर्वे कराने और तस्करी के शिकार बच्चों के पुनर्वास व कल्याण के लिए फाउंडेशन के साथ भागीदारी करने का भी फैसला किया है।
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