लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक ने आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पुनः लोक आयुक्त के चयन से संबंधित पत्रावली वापस भेजते हुए कहा है कि उच्चतम न्यायालय के 23 जुलाई, 2015 को पारित आदेश के दृष्टिगत मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय एवं राज्य विधान सभा के नेता विपक्ष आपसी विचार-विमर्श एवं सहमति के बाद कोई एक नाम नये लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए प्रस्तावित करें।
उल्लेखनीय है कि दिनांक 19 अगस्त, 2015 को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा नये लोक आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में पत्रावली राजभवन भेजी गयी थी। नेता विपक्ष ने आज राज्यपाल को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि नये लोक आयुक्त के चयन के संबंध में किसी भी बैठक में तीनों सदस्य एक साथ उपस्थित नहीं रहे। उन्होंने अपने पत्र में यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री व मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय के बीच क्या पत्राचार हुआ है इसकी भी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
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