लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि केवल अपनी सरकार की उपलब्धि दिखाने के लिए पांच महीने पहले अनपरा डी पॉवर प्रोजेक्ट का अधूरी स्थित में लोकार्पण करने के पीछे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की नासमझी एक बार फिर जाहिर हो गई है। 

प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री के दबाव में आकर अधिकारियों ने आनन-फानन में परियोजना का पिछले वित्तीय वर्ष की अंतिम तारीख 31 मार्च को उद्घाटन करा दिया। तब तक योजना का काफी काम बाकी था। मशीनों को ‘सिन्क्रोनाइज्ड’ नहीं किया जा सका था। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने इस कार्यक्रम में करोड़ों रुपए फूंके।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अनपरा डी की 500 मेगावाट इकाई की शुरुआत को अपनी सपा सरकार की उपलब्धि बताकर प्रचारित किया लेकिन अब इसका खमियाजा जनता भुगत रही है। 31 मार्च को ही योजना की शुरुआत के कुछ समय बाद ही इसकी एक मशीन का बॉयलर खराब हो गया था। इस योजना की शुरुआत के बाद सरकार ने जनता से जो बिजली देने का वादा किया था वह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। 4500 करोड़ की इस योजना को लेकर सपा सरकार ने जिस तरह की अदूरदर्शिता दिखाई उसने इसकी हालत और खराब कर दी है। लोकार्पण के पांच महीने बाद भी अनपरा डी की पहली इकाई से एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं शुरू हुआ है।

 प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सरकार की ही संस्था राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस मामले में राज्य विद्युत उत्पादन निगम से जवाब मांगा है। बिजली संकट से जूझ रहे प्रदेश में लोकार्पण के बाद भी पॉवर प्लांट से बिजली न मिल पाना एक गंभीर मसला है। मुख्यमंत्री को सीधे इसमें हस्तक्षेप करके अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यह भी बताएं कि अधूरे पड़े अनपरा पॉवर प्रोजेक्ट का लोकापर्ण करने की इतनी जल्दबाजी क्यों थी?