कराची। पाकिस्तान के ऑलराउंडर खिलाड़ी अनवर अली को सालों तक मिले झूठे वादों के बाद आखिरकार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में जगह मिल ही गई। अनवर ने अपने बचपन में बाल मजदूरी कर अपनी रोजी रोटी कमाई है। वे छोटे में एक मोजों की फ्रैक्ट्री में काम किया करते थे।

अनवर ने हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए टी20 मुकाबले में 17 गेंदों पर 46 रनों की धमाकेदार पारी खेली थी। जिसके बाद से उन्हें टीम के नए शाहिद अफरीदी के रूप में देखा जा रहा है। पाक टीम में जगह पाने को लेकर अनवर ने कहा कि, वे भगवान के अहसानमंद हैं जिनकी मदद से वो आज इस मुकाम तक पहुंच सके हैं। उन्होंने कहा, ‘एक समय पर मेरा जीवन बहुत कठिन था। मैं एक मोजे बनाने वाली फैक्ट्री में काम किया करता था, लेकिन हमेशा से मेरी इच्छा रही है कि मैं पाकिस्तान के लिए खेलूं।

अनवर अली एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। उनका परिवार कराची के इंडस्ट्रीयल एरिया में मजदूरी कर अपनी जीवन चलाता था। जब अली ने जवानी में कदम रखा था तभी उनके पिता चल बसे थे। जिस कारण उन्हें अपने बचपन में ही काम करना पड़ा। अली को प्रतिदिन मजदूरी के लिए 150 रुपए मिलते थे। अली ने कहा, वे बेहद मुश्किल भरे दिन थे। हम कराची में शांति और सुरक्षा के लिए आए थे और परिवार का इकलौता लड़का होने के नाते मुझे खेलने की बजाए कमाने के लिए कहा गया।

अली जब फैक्ट्री में काम पर जाया करते थे, तो वे सड़कों पर लड़कों को क्रिकेट खेलते देखा करते थे और इसे देख उनके मन में भी एक दिन पाकिस्तान के लिए खेलने की इच्छा होती है। अली ने बताया कि, मैंने अपने मालिक से आग्रह किया था कि वे मेरी ड्यूटी नाइट शिफ्ट में लगा दें, ताकि मैं दिन में क्रिकेट खेल सकूं और उन्होंने मेरी बात बड़ी आसानी से मान भी मिली।

अली को अपने जीवन में ये लकी ब्रेक तब मिला जब उन्हें एक स्थानीय कोच आजम खान ने खेलते हुए देखा। अली आजम खान को अपना मैंटर और गाइड मानते हैं। खान ने कहा कि, मैंने पाया कि वे बेहद टेलेंटेड है और मैंने उन्हें ट्रायल्स के लिए बुलाया। पहले तो उसने आने से इनकार किया क्योंकि उसे मजदूरी नहीं मिलती। इसके चलते मैंने उसे वादा किया कि अगर वो ट्रॉयल्स के लिए आता है तो मैं उसे 150 रुपए दूंगा।

खान ने बताया कि, अगले दिन अली ट्रॉयल्स के लिए आए और उन्हें देख कर सभी दंग रह गए। अली को बाद में पाकिस्तान अंडर 19 टीम में जगह मिली और टीम ने 2006 में श्रीलंका में जूनियर वर्लड कप भी जीता। अली ने शानदार गेंदबाजी करते हुए फाइनल मुकाबले में भारत के खिलाफ 35 रन देकर पांच विकेट झटके थे और अपनी टीम के 109 रनों के टारगेट को बचाया था। अली ने उस फाइनल मुकाबले में वर्तमान में भारते के लिए खेलने वाले रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और रविंद्र जडेजा जैसे खिलाडिय़ों पवैलियन भेजा था।

अली ने बताया कि, मेरे पिता को मुझे क्रिकेट खेलते देखना पसंद नहीं था, लेकिन जब बाद में मैंने इससे पैसे कमाए और अपना नाम बनाया तो उन्होंने भी अपने विचार बदल लिए।