नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज संयुक्त अरब अमीरात की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंच गए। अबुधाबी पहुंचने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। पीएम मोदी का स्वागत राष्ट्रगान से किया गया और उन्हें तोपों की सलामी भी दी गई। पीएम मोदी ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया।

सामरिक महत्व वाले इस खाड़ी देश की 34 वर्ष बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है। यहां हवाई अड्डे पर पहुंचने पर अबू धाबी के शहजादे जायेद अल नह्यान ने प्रोटोकाल से हटते हुए भारतीय प्रधानमंत्री की आगवानी की। मोदी का स्वागत करने के लिए शहजादे के साथ उनके पांच भाई भी हवाई अड्डा पहुंचे।

इससे पहले शहजादे नह्यान ने इस वर्ष मई में मोरक्को के शाह की हवाई अड्डे पर आगवानी की थी। शाहजादे नह्यान यूएई के सशस्त्र बलों के सर्वोच्च उपकमांडर भी हैं। हवाई अड्डे पर पारंपरिक स्वागत के बाद मोदी वहां से अमीरात पैलेस होटल पहुंचे।

यूएई में अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम के तौर पर प्रधानमंत्री शेख जायेद मुख्य मस्जिद जायेंगे। यह यूएई की प्रमुख इबादतगाहों में से एक है और यह इस्लामी वास्तुशिल्प के लिए विश्वविख्यात है।

1981 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर जाने वाली अंतिम भारतीय प्रधानमंत्री थीं। ऐसे में मोदी की इस यात्रा को कारोबार और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत-यूएई संबंधों को मजबूती प्रदान करने के एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है।

मोदी ने यात्रा पर रवाना होने से पूर्व यूएई को मूल्यवाद साझीदार बताया। उन्होंने कहा कि भारत के यूएई के दूसरे सबसे बड़े कारोबारी साझीदार होने में यह बात झलकती है। प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही वहां रह रहे 25 लाख से अधिक भारतीय लोगों के अथाह योगदान की भी सराहना की जिन्होंने यूएई को अपना घर बना लिया है। उन्होंने कहा कि वह इतने बड़े भारतीय समुदाय से मुलाकात का इंतजार कर रहे हैं।

यूएई में रहने वाला भारतीय समुदाय भारत में वार्षिक रूप से 13 अरब डॉलर का योगदान करता है। 26 लाख की मजबूत और बड़ी भारतीय आबादी यूएई की आबादी का करीब 30 फीसदी है। अबुधाबी प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का पहला पड़ाव होगा जो कल शाहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान से गहन वार्ता करेंगे। निवेश के नजरिए से 800 अरब डॉलर से अधिक स्वायत्त संपदा कोष वाला यूएई बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है और संभावना है कि प्रधानमंत्री भारत में ढांचागत क्षेत्र में निवेश के लिए उसे राजी करेंगे।  

भारत और यूएई के बीच सहयोग के संभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिसमें प्रत्यर्पण, आपराधिक और दीवानी मामलों में आपसी कानूनी सहयोग, मादक पदार्थों की तस्करी का मुकाबला जैसे क्षेत्रों में संधियां और समझौते शामिल हैं। दोनों देशों के बीच मोदी की इस यात्रा के दौरान इन क्षेत्रों में आपसी सहयोग को और बढ़ाने के उपायों पर चर्चा किए जाने की संभावना है।