नई दिल्‍ली: 69 वें स्‍वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से वन रैंक-वन पेंशन की घोषणा किए जाने की उम्‍मीद लगाए बैठे पूर्व सैनिकों को निराशा हाथ लगी है। लाल किले की प्राचीर से पीएम द्वारा वन रैंक-वन पेंशन का ऐलान न किए जाने से पूर्व सैनिक नाराज हो गए हैं।

पूर्व सैनिकों का कहना है कि अब वे इस योजना को लागू करवाने के लिए अपना आंदोलन तेज करेंगे। साथ ही उन्‍होंने कहा है कि वे किसी भी सरकारी समारोह का बहिष्‍कार करेंगे। साथ ही इस योजना को लागू न होने देने के लिए उसमें बाधा डालने वालों से भी जवाब मांगेंगे।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ला‍ल किले की प्राचीर से स्वीकारा कि वह पूर्व सैनिकों के लिए ‘वन रैंक वन पेंशन’ के मुद्दे पर अभी किसी समाधान पर नहीं पहुंचे हैं। हालांकि उन्होंने वादा किया कि उनकी सरकार ने सिद्धांतत: इसे स्वीकार कर लिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 90 मिनट के भाषण के अंत में कहा, यह 20 साल से अटका हुआ है। देश का फौजी राष्‍ट्र की संपत्ति है। ‘वन रैंक वन पेंशन’ प्रस्‍ताव हर सरकार के सामने आया। अभी तक मैं इसे नहीं कर पाया, लेकिन मैं विश्‍वास दिलाता हूं, सिद्धांतत: ‘वन रैंक-वन पेंशन’ हमने स्‍वीकार किया हुआ है और इसके संगठनों से बात चल रही है।