नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ऐलान किया कि जातिवाद के जहर और सम्प्रदायवाद के जुनून की किसी भी रूप में कोई जगह नहीं होगी और न ही इसे पनपने दिया जायेगा।

मोदी ने 69वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में यह ऐलान करते हुए कहा, जातिवाद के जहर और सम्प्रदायवाद के जुनून को विकास के अमृत से मिटाया जायेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को जारी रखने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि 15 महीने की उनकी सरकार पर अब तक एक नए पैसे के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है।

उन्होंने कहा, आप लोगों ने जिस काम के लिए मुझे बिठाया है, मैं हर जुल्म सहता रहूंगा, अवरोध सहता रहूंगा लेकिन भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने को साकार करके रहूंगा। भ्रष्टाचार को उन्होंने एक दीमक की तरह बताते हुए कहा कि इसे समाप्त करने के लिए कोने कोने में और बार-बार इंजेक्शन लगाते रहने होंगे।

उन्होंने कहा, यह देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो, इसके लिए उपर से प्रयास शुरू करना होगा। भ्रष्टाचार देश में दीमक की तरह लगा हुआ है। लेकिन जब यह बेडरूम में घुस जाए तब पता चलता है। तब हर स्क्वायर मीटर पर इंजेक्शन लगाना होता है, हर महीने और लगातार सालों तक कोने कोने में इंजेक्शन लगाना होता है। इतने बड़े देश में भ्रष्टाचार मिटाना है तब इसके लिए कोटि कोटि प्रयास करने होंगे।

कालाधन पर काबू करने के बारे में भी ऐसे इंजेक्शन की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा, इंजेक्शन का साइड इफेक्ट होगा लेकिन यह बीमारी इतनी घातक है कि साइड इफेक्ट के बाद भी यह इंजेक्शन देना होगा। कालाधन पर बनाये गए सख्त कानून का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कालाधन लाने का प्रयास हो रहा है। यह लम्बी प्रक्रिया है लेकिन एक फायदा तो हुआ है कि अब कोई कालाधन बाहर नहीं भेज रहा है। मोदी ने कहा कि कालाधन अनुपालन व्यवस्था के तहत अब तक लोग 6500 करोड़ रूपये के अघोषित धन की सूचना दे चुके हैं।  

प्रधानमंत्री ने अगले एक हजार दिनों में 18500 गांव को बिजली पहुंचाने का वादा किया, साथ ही छोटी नौकरियों में इंटरव्यू की अनिवार्यता समाप्त करने का आग्रह किया जिससे भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सके। छींटदार केसरिया साफा और सुनहरा लिबास पहने प्रधनमंत्री मोदी ने राष्ट्र ध्वज फहराने के बाद लगभग डेढ घंटे के अपने भाषण में कोई खास घोषणाएं न करते हुए इसी लाल किले की प्राचीर से अपने पिछले संबोधन से की गई घोषणाओं का लेखाजोखा दिया।

वन रैंक, वन पेंशन पर अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा, इस तिरंगे की छत्रछाया और लाल किले की प्राचीर से मैं फिर से विश्वास दिलाता हूं कि हमने सिद्धांत रूप में वन रैंक, वन पेंशन को स्वीकार कर लिया है। इस पर बात अंतिम दौर में पहुंची है। सम्पूर्ण राष्ट्र के विकास को ध्यान में रखते हुए, हर किसी को न्याय मिले, इसे ध्यान में रखते हुए 20-25 साल से लटकी इस समस्या के लिए हम रास्ता खोज रहे हैं, वार्ता चल रही है और मैं सुखद परिणाम की उम्मीद करता हूं।

उन्होंने युवाशक्ति के लिए ‘स्टार्टअप इंडिया’ की घोषणा करते हुए कहा कि स्टार्टअप देश को नया आयाम दे सकता है। देश के सवा लाख बैंकों की शाखाएं हैं और इसके जरिये वे आदिवासी क्षेत्रों में आदिवासी युवाओं को, दलितों को उद्यम के लिए रिण दें। स्टार्टअप के तहत बैंक महिलाओं को उद्यम लगाने में मदद करें।

प्रधानमंत्री ने कहा, आने वाले दिनों में स्टार्टअप इंडिया, देश के भविष्य के लिए स्टैंडअप इंडिया होगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में जो उद्योग अधिक से अधिक रोजगार देने का काम करेंगे, उनके लिए अलग से आर्थिक पैकेज होगा।

देश को और गरीबों को लूटने की इजाजत नहीं देने का संकल्प दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि रसोई गैस सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में पहुंचाने से इसकी कालाबाजारी और दुरपयोग बंद हुआ है और इससे 15,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। क्या यह भ्रष्टाचार खत्म करने का हिस्सा नहीं है ? मोदी ने कहा कि करीब 20 लाख लोगों ने स्वेच्छा से एलपीजी सब्सिडी छोड़ी है। इससे रसोई घर के ईंधन को दूरदराज गरीबों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने कोयला ब्लॉकों की नीलामी की, देश के खजाने में 3 लाख करोड़ रुपया आ रहा है। उन्होंने कहा, पोलिटिकल पंडितों से प्रार्थना करता हूं कि मैं जो घोषणाएं करता हूं, उसे राजनीतिक तराजू से नहीं तौलें। सवाल ये है कि भ्रष्टाचार गया कि नहीं गया। हिन्दुस्तान की सम्पत्ति लूटने वालों के दरवाजे बंद हुए कि नहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ 800 केस दर्ज हुए थे जबकि हमारी सरकार के आने के बाद से 1800 केस दर्ज हो चुके हैं।

उन्होंने कहा, ये आंकड़े बताते हैं कि सरकार के भ्रष्ट मुलाजिमों के खिलाफ लड़ाई लड़ने का हमारा माद्दा क्या है। महंगाई के बारे में भी उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार के आने से पहले जहां महंगाई दोहरे अंकों में थी वह अब केवल 3.4 प्रतिशत रह गई है।

अपनी सरकार को किसानों के प्रति समर्पित बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि मंत्रालय का नाम अब कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय होगा। प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए नीम की परत वाले यूरिया का जिक्र किया, जिसका औद्योगिक क्षेत्र में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

मोदी ने कहा कि योजनाएं तो हर सरकार बनाती है और घोषित करती है लेकिन हमने कसौटी इस बात को बनाया है कि हम जो कहते हैं, वह करते हैं। हमने नई कार्य संस्कृति का दबाव बनाया है। हमारे एक साल की विशिष्टता, पराक्रम और हमारी टीम इंडिया का सबसे बड़ा काम यह है कि हमने हर बात की समय सीमा निर्धारित की है। श्रमिकों और गरीबों के सम्मान की जोरदार वकालत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा करना हमारा कर्तव्य और राष्ट्रीय स्वभाव होना चाहिए।

अपने आलोचकों पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग निराशा के गर्त में डूब जाते हैं, उनको निराशा में डूबने का शौक होता है, जब तक वे निराशा प्रकट नहीं करते, उन्हें संतोष नहीं मिलता, कुछ लोग निराशा ढूंढते रहते हैं, फैलाते रहते हैं, और जितनी अधिक निराशा फैले, उन्हें उतनी गहरी नींद आती है। लेकिन कोई उनपर ध्यान देने को तैयार नहीं है।