नई दिल्ली: मॉनसून सत्र इस बार कांग्रेस के हंगामे की भेंट चढ़ गया। जीएसटी समेट कई अहम बिल पास नहीं हो पाए। इसे लेकर आज एनडीए की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद में कांग्रेस का व्यवहार इमरजेंसी जैसा है। कांग्रेस परिवार बचाना चाहती है और बीजेपी देश।
पीएम मोदी ने कहा कि पहली बार नीति आयोग में सीएम नहीं आए। संसद में कांग्रेस के रवैये को लेकर एनडीए के सांसद मार्च कर रहे हैं, जिसमें कई केंद्रीय नेता भी शामिल हैं। ‘लोकतंत्र बचाओ’ मार्च के दौरान सांसदों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संसद की कार्यवाही में बाधा डालकर देश के आर्थिक विकास को रोका है।
संसद के मॉनसून सत्र के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो जाने के साथ ही कई ज़रूरी बिल अधर में लटके रह गए हैं। इनमें सबसे जरूरी जीएसटी बिल है।
गौरतलब है कि कांग्रेस इस सत्र के दौरान बीजेपी के तीन बड़े नेताओं के इस्तीफ़े की मांग करते हुए लगातार संसद के भीतर हंगामा करती रही। इनमें विदेशमंत्री सुषमा स्वराज, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शामिल हैं।
हालांकि इन तीनों बड़े नेताओं ने किसी भी तरह के आरोपों से इनकार किया। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में बयान जारी करते हुए खुद पर ललित मोदी की मदद के सभी आरोपों से इनकार किया है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सुषमा की सफाई को मानने से इनकार कर दिया है। राहुल ने आरोप लगाया कि सुषमा के पति और बेटी ने ललित मोदी के वकील के तौर पर काम करने के दौरान उनकी मदद की।
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