नई दिल्ली: एशिया की सबसे सुरक्षित तिहाड़ जेल में फिर हुआ कैदी का मर्डर, वह भी हाई-रिस्क वार्ड में। मृतक कैदी की पहचान दीपक उर्फ़ जाट के रूप में हुई है, वह तिहाड़ जेल में 7 सालों से बंद था। पुलिस ने बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए डीडीयू के मोरचरी में रखवा दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गयी है।
तिहाड़ के डीआईजी मुकेश प्रसाद ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया की यह वारदात जेल नम्बर 8 के वार्ड नम्बर 5 में बीती रात लगभग सवा 10 बजे हुई है। दीपक 4 अन्य कैदी सतपाल बेदी, मनप्रीत, सूरज और रियाज़ के साथ हाई सिक्योरिटी वार्ड में बंद था, तभी उसपर सतपाल और उसके साथियों ने किसी नुकीले हथियार से हमला किया।
सतपाल डबल मर्डर के मामले में बंद है जबकि दीपक के उपर अलग-अलग तरह के 14 मामले (किडनैपिंग, चोरी, डकैती आदि )चल रहे हैं, वह तिहाड़ जेल में साल 2008 से बंद था।
जब रात में इस वारदात के बारे में पता चला तो तुरंत घायल दीपक को दिन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल ले जाया गया जहाँ डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया उधर वारदात के बाद जेल में तिहाड़ के अफसरों के अलावा पुलिस अफसर भी पहुंचे और वारदात वाली जगह का मुआयना किया।
हरिनगर थाने में दीपक की हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है जिसकी जांच मजिस्ट्रेट करेंगे। गौरतलब है की इस साल इससे पहले भी रविन्द्र नाम के कैदी की जेल में हत्या कर दी गयी थी, जेल सूत्रों का कहना है की जेल के अंदर हार्डकोर क्रिमीनल्स के बीच वर्चस्व की लड़ाई और एक दुसरे पर रौब जमाने के लिए रंगदारी भी वसूली जाती रहती है। जिसको लेकर जेल के भीतर भी गैंगवार चलता रहता है।
सतपाल जेल में कैदियों पर रंगदारी न देने पर हमला करने के लिए कुख़्यात है और इसके खिलाफ जेल में किये गए अपराधों की लिस्ट काफी लंबी है। सतपाल बेदी वही कैदी है जिसने कुछ साल पहले रोहिणी जेल के तत्कालीन सुपरिटेंडेंट पर अपने शरीर पर जलाकर “चोर” शब्द लिखने की शिकायत दर्ज़ करवाई थी।
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