नई दिल्ली। करीब बीस हजार करोड़ का घोटाला करने के आरोपी य़ादव सिंह को जमीन निगल गई या आसमां। यादव सिंह की तलाश में सीबीआई की 16 टीमें जुटी हुई हैं, फिर भी उसका कोई सुराग नहीं लग सका है। सीबीआई को उसके विदेश भागने की आशंका है।

अकूत संपत्ति के मालिक यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता और बेटे-दामाद तक ही सीबीआई पहुंच सकी है। यादव सिंह के विदेश भागने की आशंका के चलते सीबीआई उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर सकती है। तफ्तीश में जुटी सीबीआई को इस बात के सबूत भी मिले हैं कि उसकी कंपनियों में नेताओं और अफसरों के रिश्तेदार भी शामिल थे।

सीबीआई ने यादव सिंह की पत्नी और बेटी से पूछताछ की है। सीबीआई ने अब उन अफसरों का ब्यौरा जुटाना भी शुरू कर दिया है, जिन्होंने सीबीसीआईडी में रहते यादव सिंह को भ्रष्टाचार के मामले में क्लीन चिट दी थी। इस पूरे मामले पर बीजेपी हमलावर है।

सीबीआई की अभी तक की पड़ताल में यादव सिंह की 24 कंपनियों के बारे में ही जानकारी मिली है। आशंका है कि इन कंपनियों के जरिए काले धन को सफेद किया गया था। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इन कंपनियों में नेताओं और अफसरों के बेटों और पत्नियों को डायरेक्टर बनाया गया था। नियमों को ताक पर रखकर इन कंपनियों को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बड़े-बड़े व्यवसायिक भूखंड दिए गए। कुछ कंपनियों को अथॉरिटी से करोड़ों के ठेके भी दिए गए।

सूत्रों के मुताबिक सीबीआई को मॉरीशस की एक एयरलाइंस कंपनी का पता चला है, जिसमें यूपी के एक बड़े नेता के साथ यादव सिंह की पार्टनरशिप की बात सामने आ रही है। उधर समाजवादी पार्टी अब भी न्यायिक जांच को सीबीआई जांच से बेहतर मान रही है। ईडी ने भी इस घोटाले में कार्रवाई शुरू कर दी है।