मंत्रीमण्डल के फैसले पर भड़के राज्य कर्मी

लखनऊ। उत्तरप्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ की बैठक आज मंत्री मण्डल की बैठक के उपरान्त प्रदेश अध्यक्ष रामराज दुबे की अध्यक्षता में सम्पन हुई। बैैठक में प्रदेश मंत्रीमण्डल द्वारा अंग्रेजों की तरह कर्मचारी संवर्ग को दो भागों में बाॅटने के उदेश््य से सचिवालय कर्मिकों को ग्रेड पे सम्बन्धी निर्णय, सचिवालय को छोड़कर अन्य विभागों में  चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती सम्बंधी कोई निर्णय न लेने तथा 29 जून 91 के पश््चात कटआॅफ डेट 1996 की बजाय अब तक न बढ़ाये जाने से नाराज महासंघ ने एक स्वर में सड़क पर उतरने का निर्णय लिया है। कैबिनेट द्वारा आज राज्य कर्मचारियों के बारे में लिये गए निर्णयों पर महासंघ ने पूरी तरह से असहमति जताते हुए सरकार पर दोहरा मापदण्ड अपनाने का आरोप लगाया है। महासंघ ने इस सम्बन्ध में मुख्यसचिव को अपना विरोध ज्ञापन प्रेषित करेन के साथ ही महासंघ उच्चाधिकार समिति की 14 अगस्त को राजधानी में बैठक बुलाई है। इसी बैठक के उपरान्त मीडिया कर्मियो के समक्ष प्रदेश व्यापी आन्दोलन की घोषणा की जाएगी। 

मुख्य सचिव को विरोध मंें भेजे गए पत्र में श्री दुबे ने कहा कि सचिवालय से लेकर ब्लाक स्तर तक के चतुर्थ श्रेणी समूह ‘घ’ कर्मियों को सविचालय की भाॅति गे्रड पे 1800 रूपये बढ़ाकर रूपये 1900 तथा एसीपी के तहत ग्रेड वेतन रूपये 2800 से बढ़ाकर गे्रड वेतन रूपये 4200 सौ प्रदेश के समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को दिये जाने की मांग रखी है। केवल सचिवालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मिकों को यह वेतनमान देकर सरकार ने कर्मचारियों के बीच खाई खोदने का काम किया है। उन्होंने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सामूहिक रूप से सभी विभागों में सीधी भर्ती की जाए। आउट सोर्सिंग समाप्त की जाए। प्रदेश सरकार समूह ‘ग’ के अन्तर्गत कनिष्ठ सहायकों,लेखपालों, पुलिस, शिक्षकों फार्मासिस्ट ए.एन.एम. आदि के रिक्त पड़े लाखों पर भर्ती की जा रही है तो चतुर्थ श्रेणी के लगभग तीन लाख पदों पर भर्ती क्यो नही हो रही है उन्होंने सरकार से मांग की है कि सभी विभागों में रिक्त पड़े चतुर्थ श्रेणी के पदों पर तत्काल भर्ती शुरू कराई जाए।उन्होंने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा कि जब सचिवालय में चतुर्थ श्रेणी की भर्ती की जा रही है तो अन्य विभागों में रिक्त पड़े तीन लाख पदों पर तत्काल भर्ती सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने इस सम्बन्ध में आज कैबिनेट के निर्णय पर असहमति जताई है। मुख्य सचिव समिति ने संविदा,दैनिक वेतन, वर्कचार्ज कर्मचारियेां को नियमित करने की कटआफ डेट 1996 रखी है इसके कारण सात से दस हजार कर्मचारी नियमित होने से वंचित रह जाएगें अतः यह तिथि आज तक के लिए तय की जाए। उन्होंने कहा कि अगर आज तक की तिथि तय की जाती है तो वर्षो से कार्यरत संविदा, दैनिक वेतन, वर्कचार्ज/मृतक आश्रित पर कार्यरत एवं अनुभवी कर्मचारियों का विनियमितीकरण हो जाएगा। श्री दुबे ने इस सम्बन्ध मुख्य सचिव को लिखे अपने तीसरे पत्र में कहा कि विनियमितीकरण की कटआॅफ डेट 1996 से बढ़ाकर अब तक की जाए ताकि कर्मचारियों के साथ न्याय हो सकें। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने जो कर्मचारी संवर्ग से सम्बंधित फैसले लिये है वह किसी भी तरह से जायज नही है। ऐसे फैसलों से कर्मचारियों संवर्ग में विद्वेष की भावना बढ़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के सचिवालय और अन्य विभागों के बीच कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मिकों की सेवा में जमीन आसमान का अन्तर है। एक तरफ जहाॅ विभागों में छह से सात दिन काम होता है वही सचिवालय में मात्र पाॅच दिन ही कार्यरत होता है। ऐसी स्थिति में सरकार ने राज्य कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशीलता का परिचय दिया है।