नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल स्पाट फिक्सिंग में कुछ खिलाड़ियों के नाम वाली जस्टिस मुकुल मुद्गल जांच कमेटी की पूरी रिपोर्ट जस्टिस आरएम लोढ़ा समिति को देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह खिलाड़ियों के सम्मान का सवाल है जिसे बना किसी कारण के प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता।

 जस्टिस टीएस ठाकुर और एमआई कलीफुल्ला की पीठ ने शुक्रवार को यह आदेश देते हुए क्रिकेट एसोसिएशन आफ बिहार से कहा कि वह जस्टिस लोढ़ा कमेटी के पास जाए। यदि कमेटी महसूस करती है तो वह हमसे रिपोर्ट मांग सकती है। उसके कहने पर हमें उन्हें रिपोर्ट के पूरे ट्रंक सौंप देंगे लेकिन आपके कहने से यह नहीं होगा। एसोसिएशन की वकील नलिनी चिदंबरम ने कहा कि वह रिपोर्ट अपने लिए नहीं मांग रही हैं रिपोर्ट लोढ़ा कमेटी को देने के लिए कह रही हैं ताकि उन्हें पूरे मामले की जानकारी हो और वह सुधार के लिए उपयुक्त सुझाव दे सकें। लेकिन फिर भी ठीक है वह इस बारे में जस्टिस लोढ़ा कमेटी के समक्ष ही आवेदन करेंगी।

गौरतलब है कि जब मुद्गल कमेटी ने रिपोर्ट दी थी कोर्ट ने इस रिपोर्ट में शामिल खिलाड़ियों सैम्युअल बद्री, इंग्लिश खिलाड़ी औवेद शेख और स्टुआर्ट बिन्नी के नाम पढ़ दिए थे। इस पर बीसीसीआई के वकील ने आपत्ति की और कहा कि खिलाड़ियों को इस मामले से दूर रखा जाए और जो नाम कोर्ट ने पढ़े हैं उन्हें छापने से रोका जाए। कोर्ट ने इस पर कुछ नहीं कहा पर उसके बाद नामों को खुलासा नहीं किया।