नई दिल्ली/जम्मू : उधमपुर में बीते दिनों बीएसएफ के एक काफिले पर हमला करने के बाद जिंदा पकड़ा गया पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद नावेद याकूब अब कई सनसनीखेज खुलासे कर रहा है। सुरक्षा एजेंसियों से पूछताछ में नावेद ने ऐसे राज खोले हैं, जिससे साबित होता है कि पाकिस्तान का हाथ इस हमले में है।
सूत्रों के अनुसार, आतंकी नावेद (उम्र करीब 20 साल) ने दावा किया है कि वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है। उसने अपने साथी की पहचान नोमान उर्फ मोमिन के रूप में की है जो बीएसएफ की जवाबी गोलीबारी में मारा गया। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों से पूछताछ में नावेद ने यह राज खोला है कि हमले में शामिल दूसरा आतंकी और उसका साथी नोमान जमात-उद-दावा प्रमुख और 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का निजी सिक्योरिटी गार्ड था। उसके अनुसार, नोमान समेत 4 आतंकियों ने हमले का प्लान बनाया था। इस 4 आतंकियों के एक ग्रुप में एक गाइड भी शामिल था। ये चारों आतंकी कुपवाड़ा में कुछ दिन रुके थे।
नावेद से कड़ी पूछताछ के बाद जम्मू की पुलिस और सुरक्षा बल को कई अहम जानकारियां हासिल हुई हैं। सूत्रों के अनुसार, नावेद ने खुलासा किया है कि अपने साथ के आतंकी के साथ मिलकर वह नौगम और गुलमर्ग के बीच के बाड़ को काटकर जम्मू-कश्मीर में घुसा था। पांच दिन बाद कथित रूप से जीपीएस का इस्तेमाल करके नावेद और उसके साथी तंगमार्ग के तीर्थ स्थान पर पहुंचे थे। उसे मनशेरा में लश्कर ए तोएबा के मरकज तैयबा कैंप में ट्रेनिंग दी गई। नावेद को करीब तीन महीने तक दो चरणों में ट्रेनिंग दी गई।
मालूम हो कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उधमपुर आतंकवादी हमले की जांच अपने हाथों में ले ली है, जिसमें नावेद ने कहा है कि उसने लश्कर-ए-तोएबा के पास आतंकवाद का प्रशिक्षण लिया।
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