सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस समेत 8 पार्टियां करेगी सदन का बहिष्कार

नई दिल्ली। कांग्रेस के आधे से ज्यादा सांसदों के निलंबन को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसदीय इतिहास का काला दिन बताया है तो लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि स्पीकर की कार्रवाई पार्लियामेंट डेमोक्रेसी के खिलाफ है और लोकतंत्र के लिए काला दिन है।

उन्होंने आगे कहा है कि हमें निलंबित किया वो ठीक है लेकिन जो कारण उन्होंने दिया वो ठीक नहीं है। क्योंकि ये सब तो सदन में चलता रहता है, स्पीकर महोदया जब खुद विपक्ष में थी तब वो खुद कई बार अपनी कुर्सी से उठ जाती थी। वो गुजरात जैसा हिसाब दिल्ली में भी लाना चाहते हैं, इसमें बहुत सी पॉलिटिकल पार्टी हमें सहयोग कर रही है।

कांग्रेस समेत कम से कम 8 विपक्षी दलों ने सांसदों के निलंबन पर कहा है कि वो इस कार्रवाई के विरोध में संसद का बहिष्कार करेंगे। तो गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि सरकार का रवैया तानाशाही है, ये सरकार खुद को राजा और विपक्ष को गुलाम समझती है।

तो वहीं एनसीपी ने भी इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेस सांसदों के निलंबन को तानाशाही करार दिया है। आम आदमी पार्टी और टीएमसी ने भी सांसदों के निलंबन को गलत बताते हुए कांग्रेस के साथ खड़े होने की बात कही है।

गौरतलब है कि आज लोकसभा स्पीकर ने  कांग्रेस के 25 सांसदों को 5 दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया है। सदन में पोस्टर लहराने की वजह से लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इन सांसदों को निलंबित कर दिया है। स्पीकर इन सांसदों को पहले ही चेतावनी दे चुकी थीं, लेकिन ये सांसद नहीं मान रहे थे।

निलंबित होने वाले सांसदों में पीएन चंद्रपा, संतोष सिंह चौधरी, अबू हसन, सुष्मिता देव, गौरव गोगोई, दीपेंद्र सिहं हुड्डा, मुद्दई हनुमान गौड़, एम के राघवन, राजीव शंकर जाधव, रवनीत सिंह, केसी वेणुगोपाल शामिल हैं हैं। वहीं एरिंग ने इसे अन्यायपूर्ण बताया। जबकि कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है और ये फैसला तानाशाहीपूर्ण है।

सुमित्रा महाजन ने डांटते हुए सांसदों को कहा कि मैंने सबकी बैठक बुलाई थी, लेकिन किसी ने मेरी मदद नहीं की। सदन में इस तरह से पोस्टर नहीं दिखाए जा सकते हैं। मेरी बैठक में मैंने कहा था कि पोस्टर नहीं चलेगा, जो सालों साल से चला आ रहा है, कहीं तो आकर रुकना चाहिए, हमें कुछ तो करना चाहिए। मैं आठ दिन से कह रही हूं। सभी लोग अपनी बात करना चाहते हैं। ये किसी को बोलने ही नहीं दे रहे हैं।

वहीं संसद में चल रहे हंगामे पर केंद्र सरकार ने कांग्रेस पर हमला बोला है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कांग्रेस अपने रवैये में बदलाव लाए और संसद को चलने दे।जेटली ने कहा कि देश में बाढ़ आई लोग परेशान हैं, हम उसपर चर्चा नहीं कर पा रहे हैं और कांग्रेस ने संसद को बंधक बना रखा है। जेटली ने कहा है कि कांग्रेस के अलावा दूसरे दल बहस के लिए तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस बहस नहीं होने दे रही है।