नई दिल्ली : खेल को पाक साफ करने के अपने प्रयासों के तहत बीसीसीआई ने आज कहा कि वह खिलाड़ी एजेंट मान्यता प्रणाली लागू करेगा जिससे कि यह सुनिश्चित हो सके कि क्रिकेटरों के व्यावसायिक हितों को देख रहे लोग आचार संहिता के दायरे में आएं।

बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने बयान में कहा, ‘ढांचे को मजबूत बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि खिलाड़ियों के एजेंट नियमों से बंधे रहें और आचार संहिता के दायरे में आएं, एक विस्तृत खिलाड़ी एजेंट मान्यता प्रणाली जल्द ही लागू की जाएगी।’ 

बोर्ड सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘सभी संबंधित पक्षों के बीच जल्द ही चर्चा और विचार विमर्श होगा जिससे कि बड़े पैमाने पर स्वीकार्य नियम बने और नयी प्रणाली प्रस्तावित की जा सके जो पारदर्शी हो और आसानी से लागू की जा सके।’ बीसीसीआई ‘हितों का टकराव’ की घोषणा करने के लिए कहने के अलावा पहले ही विस्तृत नैतिक संहिता तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है।

डालमिया ने कहा, ‘बीसीसीआई अपनी अखंडता को बचाने को लेकर चिंतित और प्रतिबद्ध है। नैतिक संहिता जब गठित होगी तो यह बीसीसीआई में व्यवहार और आचरण को परिभाषित करने में अहम भूमिका निभाएगी। यह ये सुनिश्चित करने का अच्छा तरीका है कि प्रशासक और अधिकारी ऐसी किसी भी चीज के दूर रहे जो बीसीसीआई के लक्ष्यों और उद्देश्यों के लिए हानिकारक हो।’ 

नैतिक संहिता और एजेंट करार पर आगे की चर्चा बीसीसीआई की कार्य समिति की अगली बैठक में की जाएगी। इससे पहले बीसीसीआई ने अधिसूचित किया था कि बोर्ड के सभी सदस्य घोषणा करें कि अपने क्रिकेट संघों के संचालन पदों पर बने रहने के दौरान उनका कोई हितों का टकराव नहीं है।

हितों का टकराव नहीं नियम में बीसीसीआई के किसी भी क्रिकेट मामले में प्रत्यक्ष व्यावसायिक संपर्क का नहीं होना भी शामिल है जिसका हिस्सा आईपीएल टीमों में हिस्सेदारी, प्रायोजन या किसी विशिष्ट खिलाड़ी के हितों को देखना शामिल है।