नई दिल्ली: याकूब की फांसी को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि अब यह देखना होगा कि माया कोडनानी, बाबू बजरंगी और दिल्ली में सिखों के हत्यारों को सजा कब मिलती है। याकूब मेमन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बेहद निराशाजनक है लेकिन फैसला का मैं सम्मान करता हूं।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मुझे उम्मीद है कि जाति-धर्म पर ध्यान दिए बिना आतंकवाद के अन्य मामलों में भी सरकार और न्यायपालिका ऐसी ही तत्परता और प्रतिबद्धता दिखाएगी। जिस तरीके से आतंकवाद के अन्य आरोपियों के मामले चल रहे हैं, मुझे उस पर संदेह है। सरकार और न्यायपालिका की साख दांव पर है।
इस बीच भाजपा सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि आतंकवाद पर कांग्रेस हमेशा से ही दोहरी भाषा बोलती रही है। दिग्विजय सिंह, शशि थरूर हों या मणिशंकर अय्यर, कांग्रेस नेताओं को हमेशा ही आतंकवाद के पक्ष में बोलते देखा जा सकता है।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि फांसी की सजा के डर से अपराध नहीं होंगे। कानून की प्रक्रिया के तहत ही याकूब को फांसी दी गई पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों तथा पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारों को इसलिए फांसी नहीं दी गई क्योंकि दक्षिण भारत तथा पंजाब में इसका विरोध हुआ।
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