लखनऊ । “यादव सिंह को बचाने के लिए प्रदेश सरकार कर रही है नंगा नाच” यह आरोप लगाते हुये राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश  अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि कालेधन का इंजीनियर यादव सिंह के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए सपा सरकार द्वारा  उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने का निर्णय किया गया है जिससे साबित हो गया है कि सरकार यादव सिंह के काले कारनामों में बराबर की हिस्सेदार है।

चौहान ने प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुये कहा कि यादव सिंह प्रकरण में उच्च न्यायालय द्वारा 16 जुलाई को सी0बी0आई0 जांच के आदेश  दिये थे लेकिन जांच अभी तक पंजीकृत न होना प्रदेश  सरकार की भ्रष्टाचार को संरक्षण देने की नियत को दर्शाने  वाला है। उच्च न्यायालय ने भी अपनी टिप्पणी में कहा है कि लगता है कि यादव सिंह ने पूरी व्यवस्था को अपना दास बना लिया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती बसपा सरकार और वर्तमान उ0प्र0 सरकार की कारगुजारियां यादव सिंह के भ्रष्टाचार से जुड़ी हैं इसीलिए सरकार यादव सिंह को बचाने में लगी है। इससे पूर्व एस0आई0टी0 द्वारा भी  उच्चतम न्यायालय में हलफनामा देकर यादव सिंह जैसे भ्रष्टतम अधिकारी को प्रदेश  सरकार का संरक्षण प्राप्त होने का दावा करने तथा लोकायुक्त द्वारा राज्यपाल को यह रिपोर्ट सौंपना कि प्रदेश  सरकार की प्राथमिकता में प्रदेश  को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना नहीं है और लोकायुक्त द्वारा 36 मामलों पर कार्यवाही की संस्तुति से साफ जाहिर है प्रदेश  सरकार अपनी काले कारनामों और गलत नीतियों के कारण भ्रष्टाचार में चौतरफा घिर चुकी है। 

चौ हान ने कहा कि सपा सरकार अपने भ्रष्ट मंत्री और भ्रष्ट अधिकारियों के बल प्रदेश  को लूटना चाहती है और अपने चहेतों की जेबे भरना चाहती है। सरकार ने भ्रष्टाचारियों की चेन बना रखी है और चेन की कड़ी टूटते ही यादव सिंह जैसे तमाम भ्रष्टाचारियों की हकीकत जनता के सामने आ जायेगी इसलिए यादव सिंह को बचाने के लिए सरकार ने सी0बी0आई0 जांच के आदेश  के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार यादव सिंह को बचाना नहीं चाहती तो सी0बी0आई0 जांच क्यों नहीं करा रही और सुप्रीम कोर्ट क्यों जा रही है?