नई दिल्ली। एम्स के चीफ विजिलेंस अफसर संजीव चतुर्वेदी को रमन मैग्सैसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। भ्रष्टाचार के मामलों के खुलासों के लिए हमेशा चर्चा में रहे आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी और अंशु गुप्ता को इस साल के रैमन मैग्सैसे अवॉर्ड से सम्मानित करने का फैसला किया गया है। संजीव चतुर्वेदी को यह पुरस्कार सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के लिए दिया गया है।

संजीव चतुर्वेदी देश के दूसरे सर्विंग ब्यूरोक्रेट हैं जिन्हें ये पुरस्कार दिया गया है। इससे पहले किरण बेदी को भी सेवा में रहते ये प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला था। 2002 बैच के वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी एम्स में कई भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के लिए जाने जाते हैं और पिछले साल जब उन्हें एम्स के सीवीओ पद से हटाया गया तो बड़ा विवाद हुआ था। चतुर्वेदी मूलत: हरियाणा कैडर के अफसर हैं। वहां भी उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया था।

002 बैच के वन सेवा अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को रैमन मैग्सैसे अवार्ड दिया गया है। वह दूसरे ब्यूरो क्रैट्स हैं, जिन्हें इस अवॉर्ड से नवाजा गया। इससे पहले किरण बेदी को यह अवॉर्ड दिया गया था। चतुर्वेदी एम्स में कई भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के लिए जाने जाते हैं और पिछले साल जब उन्हें एम्स के सीवीओ पद से हटाया गया तो बड़ा विवाद हुआ था। चतुर्वेदी मूलत: हरियाणा काडर के अफसर हैं। वहां भी उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया।