अहमदाबाद : गुजरात उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ जकिया जाफरी की अपील पर अंतिम सुनवाई को आज चार अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया। निचली अदालत ने वर्ष 2002 के दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य की कथित भूमिका के लिए विशेष जांच दल द्वारा दी गई क्लीन चिट को कायम रखा था। जाफरी ने अदालत के इसी आदेश के खिलाफ अपील दायर की है।

जाफरी के वकील एस एम तिरमिजी ने इस मामले से जुड़ी चीजों के अध्ययन करने के लिए और अधिक समय मांगा। इस पर न्यायाधीश सोनिया गोकणी ने सुनवाई को स्थगित कर दी। यह अपील कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और जाफरी द्वारा दायर की गई थी। जाफरी दिवंगत कांग्रेसी सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं। एहसान जाफरी की मौत वर्ष 2002 के गोधरा-पश्चात दंगों के दौरान हुई थी।

सीतलवाड़ और जाफरी ने उच्चतम न्यायालय में :गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री: मोदी और 62 अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए इन्हें दंगों के संदर्भ में व्यापक साजिश का हिस्सा बताया था। इस मामले में जिन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, उनमें कई तत्कालीन मंत्री, शीर्ष पुलिस अधिकारी और भाजपा के नेता भी शामिल थे। शीर्ष अदालत ने एसआईटी को इस शिकायत की जांच का निर्देश दिया था। एसआईटी ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक रिपोर्ट जमा कराई थी और न्यायालय ने अदालत मित्र राजू रामचंद्रन से इसकी पुष्टि करने के लिए कहा। रामचंद्रन ने भी उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपनी रिपोर्ट जमा कराई थी।

उच्चतम न्यायालय ने 12 सितंबर 2011 को एसआईटी को एकत्र किए गए सभी साक्ष्य सामग्री के साथ उसकी अंतिम रिपोर्ट स्थानीय मजिस्ट्रेट की अदालत में जमा करने के निर्देश दिए। इसके बाद मजिस्ट्रेट की अदालत ने रिपोर्ट में दी गई जानकारी उजागर करते हुए कहा कि एसआईटी ने मोदी और अन्य लोगों को क्लीन चिट दी है। सीतलवाड़ और जाफरी ने तब एक विरोध याचिका दायर की लेकिन मजिस्ट्रेट बी जे गणत्रा ने इसे खारिज कर दिया। दोनों ने इसके खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया।