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किसानों का मजाक न उड़ाये मोदी सरकार: शिवपाल

लखनऊ: वरिष्ठ समाजवादी नेता व सपा के प्रमुख प्रवक्ता शिवपाल सिंह यादव ने केन्द्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केन्द्र में कुछ उद्योगपतियों के एजेंट के रूप में कार्य कर रही भाजपा की मोदी सरकार अब भारत के किसानों का खुले आम मजाक उड़ाने पर आमादा है। अभी हाल ही में केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह का यह वक्तव्य कि भारत के अधिकतर किसान प्रेम प्रसंगों एवं नपुंसकता के कारण आत्महत्या करते हैं, भारत के महान किसानों का अपमान है। सभी जानते हैं कि भारतीय किसान अपने पसीने को बहा और अपनी हड्डियों को गलाकर देश के लिए अन्न उपजाता है, कृषकों के लिए ऐसे विचार ठीक नहीं। यदि केन्द्र की सरकार किसानों के लिए कुछ कर नहीं सकती तो कम से कम उनके आत्म सम्मान एवं गरिमा को ठेस तो न पहुंचाए। देश के किसानों से मोदी सरकार को माफी मांगनी चाहिए। केन्द्रीय कृषि मंत्री का यह बयान इस तथ्य को रेखांकित करता है कि खेती-किसानी के मामले में भाजपा एक नासमझ पार्टी है और उसकी सरकार किसानों के प्रति असंवेदनशील व लापरवाह है। अपने इसी बयान में राज्यसभा में कृषि मंत्री ने एक सच को उजागर किया है कि सबसे ज्यादा किसानों ने महाराष्ट्र फिर तमिलनाडु में आत्महत्या की। सर्वविदित है कि पिछले 1 साल से भाजपा के नेता यह झूठ फैला रहे हैं कि सर्वाधिक किसानों ने उत्तर प्रदेश में आत्म हत्या की। सच्चाई यह है कि केन्द्र सरकार के नकारात्मक रवैये के बावजूद बेहतर नीतियों के कारण उत्तर प्रदेश में किसानों के हालात व जीवनमान में गुणात्मक सुधार आया है। सिंचाई मंत्री ने जोर देकर कहा कि नहरों की सफाई से सूखा के बावजूद किसानों के खेतों तक निःशुल्क पानी पहुंचाया गया और सहकारी संस्थाओं द्वारा खाद व बीज पर्याप्त मात्रा में समय से  मुहैया कराई गई जिससे किसानों को काफी सम्बल मिला है। शिवपाल सिंह यादव ने केन्द्रीय कृषि मंत्री को देश के गाॅवों में घूमकर किसानों की वास्तविक स्थिति के बारे में जानने और देश के महान किसान नेता चैधरी चरण सिंह को पढ़ने की सलाह दी। केन्द्र की किसान विरोधी सोच इसी से स्पष्ट होती है कि उत्तर प्रदेश में ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों की राहत के लिए मात्र 2,801 करोड़ रुपये मंजूर किये जो जरूरत के सापेक्ष एक तिहाई है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपने बजट से तीन हजार करोड़ रुपए आपदा प्रभावित किसानों को तत्काल दे चुकी है। उत्तर प्रदेश को प्रति किसान मात्र 91.19 रुपया देना कहीं से तर्क संगत नहीं है। समाजवादी पार्टी किसानों के लिए सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। केन्द्रीय सरकार के ही आॅकड़ों से साबित होता है कि कानून व्यवस्था और कुपोषण जैसे संवेदनशील मोर्चो पर उत्तर प्रदेश की स्थिति काफी सुधरी है।

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