नई दिल्ली। जानी मानी वकील और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। सीबीआई की विशेष अदालत ने इस दंपति की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी। तीस्ता और उनके पति पर विदेश से गलत तरीके से पैसा मंगाने का आरोप है।

तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद पर अपने एनजीओ में गलत तरीके से विदेश से फंड मंगाने और उस फंड का गलत मद में इस्तेमाल करने का आरोप है। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। कुछ दिन पहले ही सीबीआई ने तीस्ता के घर और दफ्तरों में छापेमारी भी की थी। इसी मामले में तीस्ता ने इस हफ्ते मुंबई के सीबीआई दफ्तर में आकर अपना बयान भी दर्ज कराया था।

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट का आदेश था कि अग्रिम जमानत की सुनवाई के वक्त तीस्ता और उनके पति कोर्ट में मौजूद रहें। आज कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। फैसला सुनकर तीस्ता ने कहा कि वो हैरान और खिन्न हैं इस पर कोर्ट ने कहा कि ये अदालत की अवमानना है।

अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद तीस्ता और उनके पति पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। अगर तुरंत उन्हें ऊपरी अदालत से कोई राहत नहीं मिली तो सीबीआई इस दंपति को गिरफ्तार कर सकती है। तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात दंगों के पीड़ितों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। यही वजह है कि एक बड़ा तबका उनके खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बता रहा है। एनसीपी नेता और जाने-माने वकील माजिद मेमन ने कहा कि तीस्ता के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है वो बदले की भावना से हो रही है देश के वासियों को ये लग रहा है। खुद तीस्ता ने कहा कि उन्हें दिल्ली की सत्ता द्वारा डराने का प्रयास किया जा रहा है।