फिक्सिंग मामले में मयप्पन -कुंद्रा पर लगा आजीवन प्रतिबन्ध 

नई दिल्ली : आईपीएल में निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीमों में से एक चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रायल्स को अपने प्रमुख अधिकारियों गुरूनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा के 2013 सत्र के दौरान सट्टेबाजी गतिविधियों में शामिल रहने के कारण आज इस धनाढ्य क्रिकेट लीग से दो साल के निलंबित कर दिया गया। यह सजा उच्चतम न्यायालय से नियुक्त तीन सदस्यीय समिति ने सुनाया जिसके प्रमुख पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढ़ा थे।

समिति के अनुसार दो प्रमुख अधिकारियों मयप्पन, जिन्हें सीएसके मालिकों का चेहरा माना गया, और राजस्थान रायल्स के सह मालिक कुंद्रा ने क्रिकेट के खेल, बीसीसीआई और आईपीएल को बदनाम किया। समिति ने मयप्पन और कुंद्रा को बीसीसीआई द्वारा आयोजित किसी भी तरह के क्रिकेट मैचों में भागीदारी लेने पर आजीवन निलंबित कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने इस साल जनवरी में इस समिति का गठन किया था ताकि यह तय किया जा सके कि मयप्पन, कुंद्रा और दो फ्रेंचाइजी, सीएसके की मालिक कंपनी इंडिया सीमेंट लिमिटेड और राजस्थान रायल्स की मालिक जयपुर आईपीएल को कितनी सजा दी जाए।

न्यायमूर्ति लोढ़ा ने कहा कि उनके भाग्य का फैसला करने में अभी कुछ समय लगेगा। उन्होंने कहा, ‘जहां तक सुंदर रमन की बात है तो हमने उनसे संबंधित सामग्री की जांच की और हमारा मानना है कि इसमें आगे जांच करने की जरूरत है। उच्चतम न्यायालय ने इस पर गौर करने के लिये विवेक प्रियदर्शी को नियुक्त किया है और वह इसकी जांच कर रहे हैं। हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही हम फैसला करेंगे कि क्या कार्रवाई करनी है। ’ समिति ने बीसीसीआई में हितों के टकराव के बहुचर्चित मसले पर कहा कि इस पर फैसला खेल से जुड़े विभिन्न हितधारकों से बात करने के बाद दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘हितों के टकराव का मसला उठा था। एक बार सभी हितधारकों से बातचीत की प्रक्रिया पूरी करने के बाद हम इस पर अपने विचार रखेंगे। यह प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। यह आदेश दो व्यक्तियों और फ्रेंचाइजी की सजा की मात्रा तय करने तक सीमित है। ’ न्यायमूर्ति लोढ़ा ने कहा, ‘हमने 40-45 लोगों से बात की। हमें अभी कुछ अन्य से मिलना है। एक बार जब इसे पूरा कर लेंगे तब हम फैसला करेंगे कि क्या दिशानिर्देश दिये जाने चाहिए। हमारा विचार सभी हितधारकों से इनपुट लेना है। यह केवल क्रिकेट प्रशासकों और राजनीतिज्ञों तक ही सीमित नहीं है।’

न्यायमूर्ति लोढ़ा से पूछा गया कि यदि इन दोनों फ्रेंचाइजी के मालिक बदल जाते हैं तो क्या उन्हें ऐसे में आईपीएल में खेलने की अनुमति दी जाएगी, उन्होंने कहा कि इस पर बीसीसीआई को फैसला करना है। उन्होंने कहा, ‘हमारे सामने सवाल उठाया गया लेकिन बीसीसीआई को यह फैसला करना है और क्या इसके लिये कोई कानूनी प्रावधान है। आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि हम मामले से जुड़े प्रत्येक पहलू पर गौर नहीं कर सकते हैं। ’

न्यायमूर्ति लोढ़ा से पूछा गया कि क्या समिति ने इस पहलू पर विचार किया कि इस फैसले से दोनों निलंबित फ्रेंचाइजी टीमों से जुड़े खिलाड़ियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, उन्होंने कहा कि खेल व्यक्तियों से बड़ा होता है। उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ी उस फ्रेंचाइजी से नहीं जुड़ेंगे जिसे निलंबित किया गया है। हमारा मानना था कि यदि क्रिकेट व्यक्तियों से बड़ा है तो फिर खिलाड़ियों और फ्रेचाइजी को वित्तीय नुकसान महत्वपूर्ण नहीं है। ’

फैसले की बड़ी बातें

-जीवनभर क्रिकेट से दूर रहेंगे मयप्पन

-चेन्नई सुपरकिंग्स पर दो साल की पाबंदी

-राजस्थान रॉयल्स पर दो साल की पाबंदी

-इंडिया सीमेंट के शेयर 5 प्रतिशत गिरे

-राज कुंद्रा पर जीवनभर का बैन

जस्टिस लोढा की खास बातें

1.यह फैसला बीसीसीआई को लेना है कि CSK और RR को कोई और फ्रैंचाइज़ी खरीदे या नहीं

2.जस्टिस लोढा ने स्पष्ट किया, हमने बीसीसीआई की ओर से काम किया, कानून अपना काम खुद करेगा

3.मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट में गुरुनाथ मयप्पन के खिलाफ जो कुछ भी था, हमने उसकी जांच की। मयप्पन के खिलाफ जांच अब भी जारी है।

4.चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर दो-दो साल के प्रतिबंध की सिफारिश।

5.चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स का निलंबन तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

6.खेल की पवित्रता सबसे महत्वपूर्ण होनी ही चाहिए।

7.वर्ष 2013 में राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों को फिक्सिंग के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था, इस साल भी एक खिलाड़ी तक पहुंच बनाई गई। इससे ज़ाहिर है, राजस्थान रॉयल्स में सब कुछ ठीक नहीं है।

8.इंडिया सीमेंट्स और चेन्नई सुपरकिंग्स की हरकतों की वजह से खेल की पवित्रता प्रभावित हुई। प्रशंसकों के साथ धोखा किया गया है।

9.राज कुंद्रा और गुरुनाथ मयप्पन पर किसी भी तरह के क्रिकेट मैचों में शिरकत से आजीवन प्रतिबंध हैं।

10.हितों के टकराव और बीसीसीआई में सुधार पर हमने अभी कोई फैसला नहीं किया है।

यह है पूरा मामला

स्पॉट फिक्सिंग का ये पूरा मामला आईपीएल सीज़न 6 से जुड़ा हुआ है, जब दिल्ली पुलिस ने मुंबई से पूर्व टेस्ट क्रिकेटर एस. श्रीसंत सहित राजस्थान रॉयल्स के 3 खिलाड़ियों को गिरफ्तार किया।

पुलिस के मुताबिक 2013 में मुंबई में राजस्थान रॉयल्स बनाम मुंबई इंडियंस, 5 मई को जयपुर में हुए राजस्थान रॉयल्स बनाम पुणे वॉरियर्स, और नौ मई को मोहाली में हुए राजस्थान रॉयल्स बनाम किंग्स इलेवन पंजाब के बीच मैचों में स्पॉट फिक्सिंग हुई थी।

कब-कब खुलीं परतें

उस वक्त इस मामले में तीन खिलाड़ियों और 11 सटोरियों को गिरफ़्तार किया गया था। धीरे-धीरे इस मामले में देश में क्रिकेट को चलाने वाले लोग भी जुड़ने लगे, जब पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन की गिरफ्तारी हुई। बाद में इस मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कुल 42 लोग आरोपी बने, जिनमें से 6 फरार हैं। 23 मई को मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है।

क्रिकेट प्रशासकों और खिलाड़ियों के अलावा इस मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील भी आरोपी हैं।