अहमदाबाद : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 5,395 करोड़ रूपये के हवाला घोटाले की जांच से पता चला है कि इसमें संलिप्त व्यक्ति 2जी घोटाले के धन को सूरत की फर्मों के जरिए कालेधन की पनाहगाह के रूप में चर्चित स्विट्जरलैंड जैसी जगहों पर भेजने में भी शामिल रहे। सूरत की ये फर्म इसी गोरखधंधे को चलाने के लिए गठित की गयी थीं।

यह राज ईडी की अहमदाबाद संभागीय इकाई द्वारा एक जुलाई को दुबई के व्यापारी मनीष शाह को सूरत से गिरफ्तार किए जाने के बाद सामने आया है। मनीष शाह को करोड़ों रूपये के हवाला घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था। ईडी सूत्रों के अनुसार 2जी घोटाले में रिश्वत की राशि विदेश भेजने से जुड़े साक्ष्य शाह की गिरफ्तारी के बाद मिले। यह खुलासा हुआ है कि 2जी घोटाले का धन चेन्नई से सूरत के जरिए दुबई व हांगकांग भेजा गया।

सूत्रों के अनुसार अब ईडी को महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं जिनसे यह संकेत मिलता है कि 2जी घोटाले के धन को चेन्नई से सूरत के रास्ते अवैध रूप से स्विटजरलैंड जैसे उन देशों को भेजा गया जिन्हें ‘कालेधन की पनाहगाह’ माना जाता है। ईडी सूत्रों ने कहा कि दुबई में शाह की एक कंपनी ‘मबरूक ट्रेडिंग’ है जिसे इस मामले के एक प्रमुख्य अभियुक्त अफरोज फट्टा व मदनलाल जैन से विभिन्न हवाला चैनलों के जरिए 700 करोड़ रपये से अधिक की राशि मिली। इन दोनों पर 5,395 करोड़ रूपये का हवाला रैकेट चलाने का आरोप है और बाद में ईडी ने इन्हें गिरफ्तार किया था।

सूत्रों ने दावा किया कि शाह के ताजा मामले में दिसंबर 2013 से जनवरी 2014 के बीच केवल दो महीने में लगभग 10,000 करोड़ रूपये भारत से बाहर गए हो सकते हैं। उनका दावा है कि शाह, जैन की ओर से दुबई में अपनी कंपनी चला रहे थे। शाह ने फट्टा व जैन द्वारा चलाई जा रही कंपनियों से धन कथित रूप से स्थानांतरित किया। यह धन दुबई के विभिन्न हवाला आपरेटरों के जरिए भेजा गया।

ईडी ने इस करोड़ों रपये के हवाला रैकेट का खुलासा मार्च 2014 में सूरत में फट्टा व जैन सहित कुछ हीरा व्यापरियों के यहां तलाशी के दौरान हुआ था। बताया जा रहा है कि इन दोनों ने हीरे का आयात करने के बजाय फर्जी आयात बिलों के जरिए विदेशों से हीरे की खरीद का दावा किया। इन बिलों का उपयोग देश से बाहर धन भेजने में किया गया।