लखनऊ: माहे रमज़ान के रोज़े फ़र्ज़ हैं, जिसकी जज़ा खुद अल्लाह है। दरअसल रोज़े व्यक्ति प्रशिक्षण का सबसे अच्छा माध्यम हैं, बस जरूरत है कि इंसान जिस तरह इस मुबारक महीने में खुद को कई निषिद्ध बातों से रोके रखता है, उसी प्रकार पूरा जीवन बिताना चाहिए। इन विचारों की अभिव्यक्ति आज यहां जमाते इस्लामी हिन्द के अमीर हल्क़ा यूपी पूर्व मौलाना मोहम्मद नईम ने की। वह आज जमाते इस्लामी के कार्यालय में पार्टी की ओर से होने वाली इफ्तार पार्टी में संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने इस अवसर पर इफ्तार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जमाते इस्लामी हिन्द सामूहिक रूप में इफ्तार का आयोजन क्यों करती है। अमीर जमाते इस्लामी हिन्द ने कहा कि यह इफ्तार कोई राजनीतिक नहीं है बल्कि हमें एक साथ बैठने का मौका मिलता है, जहाँ हम चर्चा करते हैं। उन्होंने कहा कि आज मंहगाई के दौर में यह भी आवश्यक है कि इंसान से बिना किसी आवश्यकता के मिला जाए, हाल खैरियत मालूम हो, और इस तरह के इफ्तार इसका सबसे अच्छा माध्यम हैं।