लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन उन गरीब महिलाओं की आत्मशक्ति एवं साहस का प्रतीक है जो स्वयं सहायता समूहों द्वारा गरीबी के चक्रब्यूह को तोड़कर समूह से समृद्धि की ओर अग्रसर हो रही है। आजीविका मिशन असंख्य गरीब महिलाओं एवं उनके परिवारों को सामुदायिक संगठन बनाने हेतु प्रोत्साहित करके वित्तीय सहायता, सामाजिक जागरूकता एवं सशक्तीकरण मात्र प्रदान ही नहीं करती है बल्कि यह मिशन पवित्र भावना से ओत-प्रोत होकर ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवारों के चहुंमुखी विकास के लिए भी उत्प्रेरक की भूमिका निभायेगा।

यह उद्गार आज यहाँ गोमतीनगर स्थित इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान के सभागार में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रदेश के विभिन्न बैंकों एवं अन्य साझेदारों के संयुक्त प्रयास से महिला स्वयं सहायता समूहों के वित्तीय समावेशन एवं साझेदारी की ओर बढ़ते निरन्तर कदम कार्यक्रम में प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने व्यक्त किये।

कार्यक्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त आनन्द मिश्र, प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास  अरूण सिंघल, ग्राम्य विकास आयुक्त, कामरान रिजवी, मिशन निदेशक डा0 आदर्श सिंह, विभिन्न बैंकों के महाप्रबन्धक एवं अध्यक्ष एवं विभागीय उच्च अधिकारियों के साथ ही साथ अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं विभिन्न जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों से आयी हुई स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की मौजूदगी रही। कार्यक्रम केे मध्य नान इन्टेन्सिव विकास खण्डो हेतु समुदाय संदर्भ व्यक्ति (सी0आर0पी0) सहयोग के लिये एम0ओ0यू0 का आदान प्रदान किया गया एवं उ0प्र0राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं राजीव गांधी महिला विकास परियोजना यू0पी0एस0आर0एल0एम0 तथा 41 ब्लाक फेडरेशन्स के साथ रिसोर्स ब्लाक रणनीति के क्रियान्वयन हेतु एम0ओ0यू0 का आदान प्रदान किया गया। विभिन्न जनपदों से आयी महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों के द्वारा समूह से जुड़ने के उपरान्त उनके जीवन में आये परिवर्तन के बारे में अनुभव बताये गये। इस प्रकार 41 ब्लाक फेडरेशन से जुड़े लगभग 25,000 स्वयं सहायता समूहों के लगभग 3 लाख परिवार लाभान्वित होंगे।