लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने बाराबंकी जिले में थाने के अंदर सोमवार को पुलिसकर्मियों द्वारा एक महिला को जिंदा जला देने की घटना की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने कहा है कि जिस सरकार में महिलाएं थाने में जला दी जायें, उस सरकार के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या होगा। बाराबंकी की घटना अखिलेश सरकार की काननू-व्यवस्था पर खुद-ब-खुद एक टिप्पणी है और इसकी जवाबदेही सरकार को लेनी चाहिए।

माले राज्य कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, सपा शासन में महिला उत्पीड़न की घटनाओं में तेजी आई है। पार्टी ने कहा है कि अपराधी-सामंती ताकतों द्वारा महिलाओं के साथ दुराचार-हिंसा की खबरें रोज-ब-रोज आ रही हैं। इसमें अभियुक्तों को पकड़ने और न्याय दिलाने का दारोमदार पुलिस पर होता है। ये अलग बात है कि महिला उत्पीड़न की एफआईआर तक थानों में मुश्किल से दर्ज होती है। लेकिन बाराबंकी की घटना ने साफ तौर पर दिखाया है सुरक्षा का भरोसा दिलाने वाली पुलिस का महिलाओं के प्रति नजरिया क्या है और सपा राज में महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं। पार्टी ने महिला को जिंदा जलाने की घटना के दोषी पुलिसकर्मियों को कड़ी-से-कड़ी सजा देने की मांग की है।