मुंबई। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर का कहना है कि महेन्द्र सिंह धोनी के संन्यास लेने के बाद चयनकर्ताओं के पास कप्तानी के लिए विराट कोहली के अलावा और कोई विकल्प ही नहीं था। एक अंग्रेजी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने ऎसा कहा। वाडेकर ने हरभजन की वनडे टीम में वापसी का भी स्वागत किया।

वाडेकर ने कहाकि, धोनी को टेस्ट से संन्यास लेने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्हें टेस्ट में अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए कोशिश करनी चाहिए। वे भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल और सर्वोत्तम कप्तान हैं। जब धोनी रिटायर हो रहे थे कोहली के अलावा चयनकर्ताओं के पास और कोई विकल्प नहीं था। इसलिए कोहली को ही चुनना पड़ा।

जिम्बाब्वे दौरे के लिए अजिंक्य रहाणे को कप्तानी दिए जाने पर वाडेकर ने कहाकि, वह शानदार खिलाड़ी है। वह लंबे समय तक टीम में रहेगा। रहाणे को कप्तान बनाए जाने से मैं खुश हूं । अपने शांत और संयमित व्यवहार के चलते उसे जिम्बाब्वे में अच्छे नतीजें मिलेंगे। चार साल बाद वनडे टीम में हरभजन की वापसी के फैसले को उन्होंने उचित ठहराया। भज्जी के बारे में उन्होंने कहाकि टीम में उसकी मौजूदगी से युवा खिलाडियों को मदद मिलेगी। हरभजन अनुभवी है और यही उसका हथियार है।

जिम्बाब्वे दौरे के लिए एक भी स्पेशलिस्ट विकेटकीपर न होने के बारे में वाडेकर ने कहाकि, चयनकर्ताओं को विशेषज्ञ विकेटकीपर पर ध्यान देना चाहिए। धोनी की उम्र ढल रही है तो कि सी अन्य को ऎसे दौरों पर खिलाकर अनुभव देना चाहिए। विकेटकीपर फील्डिंग का दिल होता है। आप किसी बल्लेबाज, गेंदबाज या अन्य खिलाड़ी पर इसका बोझ नहीं डाल सकते। ऋद्धिमान साहा शानदार विकल्प है। धोनी के संन्यास के बाद टेस्ट में वह यह जिम्मेदारी संभाल रहा है और जिम्बाब्वे दौरे पर भी उसे शामिल किया जाना चाहिए था।